दिनेश कार्तिक ने कहा Mankading वैध, आश्विन को है कुछ आपत्तियां

IPL 13 से पहले रिकी पोंटिंग के मांकडिंग पर बयान से फिर छिड़ी बहस। दिनेश कार्तिक इसे जायज़ बता रहे हैं लेकिन आश्विन का कहना है कि मांकडिंग की परिस्थिति में गेंदबाज़ को फ्री बॉल देने चाहिए

Updated: Aug 25, 2020, 06:23 AM IST

Photo Courtesy: cricket.com.au
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नई दिल्ली। क्रिकेट के मैदान पर हाल के दिनों में अगर सबसे ज़्यादा बहस किसी नियम पर छिड़ी है, तो वो मांकडिंग है। आईपीएल के तेरहवें संस्करण से पहले एक बार फिर इस नियम को लेकर बहस शुरू हो गई है। कोलकाता नाईट राइडर्स के कप्तान दिनेश कार्तिक ने इस नियम को पूरी तरह से वैध बताया है। जबकि अश्विन का कहना है कि मांकडिंग की परिस्थिति में गेंदबाज़ को फ्री बॉल देने चाहिए, अगर बल्लेबाज़ उस गेंद पर आउट हो जाता है तो उसकी टीम के पांच रन घटा देने चाहिए।     

क्यों छिड़ी है बहस? 
आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स टीम के कोच और पूर्व ऑस्ट्रेलिआई कप्तान रिकी पोंटिंग ने कहा था कि वे मांकडिंग के मसले पर जल्द ही आश्विन से बात करेंगे, और अश्विन को ऐसा करने से मना करेंगे। पोंटिंग का कहना है कि उनकी नज़र में मांकडिंग के ज़रिए किसी बल्लेबाज़ को आउट करना खेल भावना के अनुकूल नहीं है।    

किसने क्या कहा ?   

पोंटिंग के इसी बयान पर बहस छिड़ गई है।दिनेश कार्तिक की राय में यह नियम पूरी तरह वैध है।कार्तिक का कहना है कि जब यह नियम क्रिकेट की रूल बुक में पहले से ही दर्ज है, तो इसके इस्तेमाल पर किसी को भी कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। कार्तिक का कहना है कि यह खेल भावना के विपरीत भी नहीं है। कार्तिक को मांकडिंग से संबंधित दो मसलों पर समस्या है। पहली यह कि मांकडिंग को क्रिकेट जगत में बेहद नकारात्मक तौर पर लिया जाता है, जबकि यह खेल के नियमों का ही हिस्सा है। दूसरा कार्तिक को इस नियम के नाम को लेकर समस्या है। कार्तिक का कहना है कि चूंकि इस नियम को नकारात्मक तौर पर लिया जाता है, इसलिए क्रिकेट के इतिहास में बल्लेबाज़ को आउट करने वाले गेंदबाज़ भारतीय क्रिकेटर वीनू मांकड़ का नाम खराब हो रहा है। तो वहीं इस तरह से आउट होने वाले बल्लेबाज़ का नाम कोई याद नहीं रखता। इसके साथ ही कार्तिक का कहना है कि कैमरा और तकनीक की मदद से नॉन स्ट्राइकर एन्ड पर खड़े बल्लेबाज़ की हरकतों पर नज़र रखनी चाहिए और जितनी बार वो गेंदबाज़ के बॉल फेंकने से पहले क्रीज़ के बाहर निकलता है, उतने रन उसकी टीम के खाते से कम कर लेने चाहिए।  

मांकडिंग का मैदान में सबसे ज़्यादा उपयोग करने वाले अश्विन कहते हैं कि उनकी राय में अगर गेंदबाज़ के गेंद फेंकने से पहले अगर बल्लेबाज़ क्रीज़ छोड़ देता है तो ऐसी परिस्थिति में गेंदबाज़ को नो बॉल के दौरान बल्लेबाज़ को मिलने वाली फ्री हिट के ही तर्ज़ पर गेंदबाज़ को फ्री बॉल मिलनी चाहिए। और अगर गेंदबाज़ उस बॉल पर बल्लेबाज़ को आउट करने में सफल हो जाता है, तो उसे आउट करार दिए जाने के साथ साथ बल्लेबाज़ी करने वाली टीम के खाते से पांच रन की भी कटौती कर देनी चाहिए?    

क्या है मांकडिंग और क्या है इसका पोंटिंग कनेक्शन? 
मांकडिंग के नियम से पोंटिंग की राष्ट्रीय टीम का पुराना नाता है। दरअसल वीनू मांकड़ ने जिस तरह से बल्लेबाज़ को आउट किया था, वो बल्लेबाज़ ऑस्ट्रेलिया की टीम का था। और उस समय भारत और ऑस्ट्रेलिया का ही मैच चल रहा था।  

मांकडिंग नियमानुसार अगर गेंदबाज़ के बॉल फेंकने से पहले ही गेंदबाज़ी छोड़ पर खड़ा बल्लेबाज़ क्रीज़ छोड़ देता है, तो ऐसी स्थिति में गेंदबाज़ के पास नॉन स्ट्राइकर एन्ड पर मौजूद बल्लेबाज़ को रन आउट करने की पूरी स्वतंत्रता होती है। और बल्लेबाज़ को आउट करार दिया जाता है।   

क्रिकेट इतिहास में किसी बल्लेबाज़ को इस तरह से आउट भारतीय क्रिकेटर वीनू मांकड़ ने किया था। 1948 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एक मैच के दौरान वीनू मांकड़ ने बिल ब्राउन को गेंद फेंकने से पहले ही क्रीज़ छोड़ने पर रन आउट कर दिया था। इससे पहले मांकड़ ने ब्राउन को काफी दफा चेतावनी भी दी थी। मांकड़ द्वारा ब्राउन को इस तरह से आउट करना न सिर्फ ऑस्ट्रेलियाई टीम बल्कि ऑस्ट्रेलियाई मीडिया को भी नागवार गुज़री थी। इस तरह से बल्लेबाज़ को आउट करने के तरीके को मांकडिंग नाम, ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने ही दिया था।      

अश्विन ने पिछले वर्ष आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच खेले गए एक मैच के दौरान राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज़ जोस बटलर को मांकडिंग के ज़रिए ही आउट किया था। इससे पहले रविचंद्रन अश्विन ने 2012 में ऑस्ट्रेलिया में खेले गए त्रिकोणीय श्रृंखला में श्रीलंकाई बल्लेबाज़ थिरिमान्ने को ऐसे ही आउट किया था। हालांकि उस मैच में टीम की कप्तानी कर रहे वीरेंद्र सहवाग ने अश्विन की अपील को वापस ले लिया था, और श्रीलंकाई बल्लेबाज़ को नॉट आउट करार दिया गया था।