87 सालों में पहली बार नहीं खेली जाएगी रणजी ट्रॉफी, विजय हज़ारे ट्रॉफी का होगा आयोजन

विजय हज़ारे ट्रॉफी के साथ साथ अंडर 19 वीनू मांकड़ ट्रॉफी और महिला एकदिवसीय टूर्नामेंट को मंज़ूरी मिल गई है

Updated: Jan 30, 2021, 04:27 PM IST

Photo Courtesy : The Wire
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नई दिल्ली/मुंबई। बीसीसीआई ने इस घरेलू सीज़न रणजी ट्रॉफी आयोजित नहीं कराने का फैसला लिया है। 87 वर्षों में ऐसा पहली मर्तबा होगा जब रणजी ट्रॉफी आयोजित नहीं की जाएगी। हालांकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने विजय हज़ारे ट्रॉफी आयोजित कराने का फैसला किया है। इसके साथ ही वीनू मांकड़ ट्रॉफी के साथ साथ महिलाओं का एकदिवसीय टूर्नामेंट भी आयोजित किया जाएगा। 

रणजी ट्रॉफी को रद्द करने के पक्ष में थीं राज्य इकाइयां 

दरअसल इस सीज़न घरेलू क्रिकेट के आयोजन को लेकर बीसीसीआई ने राज्य की इकाइयों से सुझाव मांगे थे। ज़्यादातर राज्य इकाइयां रणजी ट्रॉफी को रद्द करने के पक्ष में थीं। लिहाज़ा घरेलू सीज़न में रणजी ट्रॉफी की जगह बाकी टूर्नामेंट के आयोजन पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

बीसीसीआई सचिव जय शाह ने राज्य इकाईयों को लिखे अपने पत्र में कहा है कि ' मुझे आपके साथ यह जानकारी साझा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि इस घरेलू सीज़न हम सीनियर महिला एकदिवसीय टूर्नामेंट के साथ साथ विजय हज़ारे ट्रॉफी और  वीनू मांकड़ अंडर 19 ट्रॉफी का आयोजन करेंगे। जय शाह ने राज्य इकाइयों से कहा है कि इस घरेलू सीज़न को लेकर आपके द्वारा प्रेषित सुझावों के बाद ऐसा तय किया गया है।

सैयद मुश्ताक अली क्रिकेट के सफल आयोजन के लिए किया धन्यवाद
 
जय शाह ने अपने पत्र में राज्य इकाईयों से कहा है कि आप इस बात से अवगत हैं कि कोरोना महामारी के दौर में तमाम सावधानियों को बरतते हुए क्रिकेट कैलेंडर को बनाना कितना मुश्किल काम रहा है। इसके साथ ही बीसीसीआई सचिव ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के सफल आयोजन को लेकर तमाम राज्य इकाइयों का आभार व्यक्त किया है। 

क्यों रद्द की गई रणजी ट्रॉफी 

एक प्रमुख अंग्रेज़ी अख़बार की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह खुद रणजी ट्रॉफी की बजाय विजय हज़ारे ट्रॉफी के आयोजन के पक्ष में थे। चूंकि दो महीने तक के बायो बबल के बीच एक संशोधित टूर्नामेंट को आयोजित कराना संभव नहीं था। लिहाज़ा रणजी ट्रॉफी की जगह विजय हज़ारे ट्रॉफी के आयोजन को तरजीह दी गई। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का उल्लेख है कि बोर्ड रणजी ट्रॉफी में खेलने वाले खिलाड़ियों को उनकी मैच फीस का भुगतान करेगा। रणजी ट्रॉफी में मैच के दौरान प्रत्येक खिलाड़ी को प्रतिदिन 45 हज़ार रुपए मिलते हैं। जबकि विजय हज़ारे ट्रॉफी में खेलने वाले खिलाड़ियों को प्रति मैच डेढ़ लाख रुपए की रकम अदा की जाती है।

मुंबई ने जीती है सबसे अधिक मर्तबा रणजी ट्रॉफी 

पहली बार रणजी ट्रॉफी का आयोजन 1934 में हुआ था। इस ट्रॉफी का नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी नावानगर के महाराजा रणजीत सिंह जी के नाम पर पड़ा था। उन्होंने इंगलैंड क्रिकेट टीम का टेस्ट मैचों में प्रतिनिधित्व किया था। 1934 से लेकर अब तक कुल 86 रणजी ट्रॉफी खेले गए। जिसमें मुंबई की टीम ने सबसे ज़्यादा इस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया। मुंबई ने कुल 41 बार यह ट्रॉफी जीती है। 1958-59 से लेकर 1972-73 तक लगातार 15 दफा मुंबई ने ट्रॉफी अपने नाम की थी। जो कि अपने आप में रिकॉर्ड है। रणजी ट्रॉफी की मौजूदा चैंपियन सौराष्ट्र है। सौराष्ट्र ने 2019-20 के सीज़न में बंगाल को हरा कर पहली दफा यह ट्रॉफी अपने नाम की थी। 

रणजी में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज वसीम ज़ाफर हैं। दाएं हाथ के बल्लेबाज़ ज़ाफर ने रणजी में सबसे ज़्यादा 12,038 रन बनाए हैं। जबकि रणजी में सबसे ज़्यादा विकेट चटकाने का रिकॉर्ड बाएं हाथ के लेग स्पिनर राजिंदर गोयल के नाम है। गोयल ने रणजी में 640 विकेट चटकाए थे। हालांकि गोयल को कभी भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिला तो वहीं रणजी के लीडिंग स्कोरर जाफर भी भारत के लिए 31 टेस्ट और केवल दो एकदिवसीय मैच ही खेल पाए।