पेरिस ओलंपिक में भारत को तीसरा मेडल, शूटर स्वप्निल कुसाले ने मैराथन ऑफ शूटिंग में लहराया परचम
स्वप्निल कुसाले ने पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है। स्वप्निल कुसाले ने 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में यह मेडल जीता, जिसे मैराथन ऑफ शूटिंग भी कहा जाता है।
पेरिस ओलंपिक में गुरुवार को भारत को तीसरा मेडल मिला। भारतीय शूटर स्वप्निल कुसाले ने 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में यह मेडल जीता, जिसे मैराथन ऑफ शूटिंग भी कहा जाता है। खास बात यह है कि इस बार के ओलिंपिक में अब तक तीनों मेडल शूटिंग इवेंट्स में ही मिले हैं।
पहली बार किसी भारतीय शूटर ने ओलंपिक की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन इवेंट में मेडल जीता है।
स्वप्निल ने कुल 451.4 अंक हासिल कर ब्रॉन्ज पर कब्जा जमाया। मेडल जीतने के बाद स्वप्निल ने कहा, 'मुझे काफी खुशी हो रही है कि मैं देश के लिए मेडल जीता। फाइनल के दौरान काफी नर्वस था, धड़कने तेज हो गई थीं।'
स्वप्निल कुसाले ने 2015 में कुवैत में हुई एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में 50 मीटर राइफल प्रोन 3 इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलावा वे तुगलकाबाद में 59वें नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में गगन नारंग और चेन सिंह जैसे बड़े शूटरों को हराकर जीत हासिल कर चुके हैं।
स्वप्निल ने ओलंपिक में पहली 2024 में डेब्यू किया है। पहले ही ओलंपिक में स्वप्निल ने ब्रॉन्ज मेडल जीता है। स्वप्निल के रोल मॉडल एमएस धोनी हैं। धोनी की तरह स्वप्निल भी सेंट्रल रेलवे में टिकट कलेक्टर का काम करते हैं। स्वप्निल भी धोनी की तरह ही शूटिंग एरिना में शांत रहते हैं। स्वप्निल की मां कंबलवाडी गांव की सरपंच हैं। पिता और भाई टीचर हैं।