Locust attack : छत्तीसगढ़ में टिड्डी दल से बचने के लिए DJ का सहारा

टिड्डियों के हमले की आशंका देख किसानों ने बुक करवाए डीजे, यूपी के झांसी समेत अन्य जगहों पर भी हुआ डीजे का प्रयोग

Publish: May 29, 2020, 12:06 AM IST

भारत के पांच राज्यों में टिड्डी दल का कहर जारी है। देशभर में लाखों एकड़ भू-भाग पर खड़ी फसलें व हरी सब्जियां बर्बाद करने वाले टिड्डी दलों द्वारा छत्तीसगढ़ में अटैक करने की आशंका जताई जा रही है। छत्तीसगढ़ के किसानों ने टिड्डी दलों के हमले के पूर्व ही अनोखी तैयारियां पूरी कर ली है। उन्होंने हमले की आशंका को देखते हुए डीजे की प्री बुकिंग करवा ली है। इसके पहले उत्‍तर प्रदेश के झांसी समेत अन्य जगहों पर भी प्रशासन ने टिड्डी दलों को भगाने के लिए डीजे का प्रयोग किया था।

ग़ौरतलब है कि वर्ष 2020 में टिड्डी दलों का भारत में पिछले 26 वर्षों का सबसे बड़ा हमला हुआ है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस वर्ष टिड्डों की वजह से भारत में भारी मात्रा में फसल बर्बाद होने का अनुमान लगाया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने भी पिछले हफ्ते राज्यों को टिड्डे दल के कारण होने वाले बड़े नुकसान की चेतावनी दी थी। ऐसे मेंं नुकसान से बचने के लिए छत्तीसगढ़ के किसान तैयारियों में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। उन्होंने हमले कि आशंका देख पूर्व में ही डीजे बुक करवा लिए हैं।

टिड्डियों से फसल को बचाने के लिए वैज्ञानिक तरीका कीटनाशक का छिड़काव करना है, हालांकि भारतीय किसान पारंपरिक तरीकों के तौर पर थाली बजाकर ट्रैक्टर चलाकर व आग जलाकर उन्हें भगाते हैं। इस वर्ष छत्तीसगढ़ में पहली बार टिड्डी दलों के हमले होने की आशंका है। टिड्डी दलों का यह हमला 1993 के बाद सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।

एक दिन में 35 हजार लोगों का खा सकते हैं खाना

खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के मुताबिक एक व्यस्क टिड्डा अपने शरीर के वजन के बराबर का खाना प्रतिदिन खाने में सक्षम होता है वहीं एक वर्ग किलोमीटर में फैला इनका दल तकरीबन एक दिन में 35 हजार लोगों का खाना खा सकता है। पिछले 2-3 वर्षों में टिड्डी दलों का ज्यादा मात्रा में प्रजनन करने का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन बताया जा रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि भारत-पाक सीमा पर असामान्य मानसून व हिन्द महासागर में नियमित चक्रवातों की वजह से इनकी  संख्या तेजी से बढ़ी है।