छत्तीसगढ़ को नए कृषि कॉलेजों की सौग़ात, किसानों को खेती में फायदा दिलाने की कोशिश

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश को दी 5 नए उद्यानिकी महाविद्यालयों की सौगात, खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय रायपुर का किया शुभारंभ, कृषि विश्वविद्यालयों के 107 करोड़ के कार्यो का किया लोकार्पण और शिलान्यास

Updated: Jan 20, 2021, 01:04 PM IST

Photo Courtesy: yahoo
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के उत्तरी छोर बलरामपुर से दक्षिण में सुकमा तक कृषि शिक्षा, अनुसंधान का नेटवर्क तैयार हो गया है। यह कहना है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का। बुधवार को मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 35वें स्थापना दिवस पर कृषि विश्वविद्यालयों को 107 करोड़ की सौगात देते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में कृषि शिक्षा के विस्तार पर विशेष ध्यान दे रही है। दो साल में आठ महाविद्यालय स्थापित किए गए हैं। इस साल आठ नये महाविद्यालय खुलने वाले हैं। वहीं कृषि कालेजों के पिछले दो साल में 20 प्रतिशत सीटों की बढोतरी की गई है। वहीं आगामी सत्र में कृषि कालेजों की क्षमता में 10 प्रतिशत सीटें और बढ़ाई जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सुराजी गांव योजना के तहत राज्य में 7 हजार से अधिक गोठानों का निर्माण हो रहा है। 4 हजार से ज्यादा गोठान सक्रिय हो गए हैं। कृषि महाविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों  ने 325 गोठानों को गोद लिया है। इन्हें वर्मी कंपोस्ट निर्माण, मशरूम उत्पादन, बटेर पालन, कड़कनाथ मुर्गी पालन, सब्जियों-फूलों की खेती का प्रशिक्षण वैज्ञानिकों द्वारा दिया जा रहा है। वहीं बाड़ी विकास के तहत विश्वविद्यालय करीब 8000 बाडि़यों का विकास कर रहे हैं।

प्रदेश में कृषि विश्वविद्यालय के तहत संचालित होने वाले कालेजों में 107 करोड़ रुपये की लागत से बनी कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है। मुख्यमंत्री ने कृषि कालेजों का आनलाइन शुभारंभ किया। इनमें खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, रायपुर, कृषि महाविद्यालय, लोरमी के साथ उद्यानिकी महाविद्यालय साजा (बेमेतरा), अर्जुन्दा (बालोद), धमतरी, जशपुर और कृषि विज्ञान केंद्र, कोडागांव शामिल हैं। कृषि महाविद्यालयों की बिल्डिंग, गर्ल्स और ब्वाय होस्टल, रिसर्च सेंटर, हाइटेक नर्सरी, सीड प्रोसेसिंग भवन, हैचरी, कृषि विज्ञान केन्द्रों में प्रशासनिक भवन और कृषक छात्रावासों का निर्माण के कार्य शामिल हैं।   

दरअसल छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों के आर्थिक विकास के लिए कृषि संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा दिया  रहा है। इसी कड़ी में प्रदेश के कृषि कालेजों और कृषि विज्ञान केंद्रों का उन्नयन किया जा रहा है। इससे किसानों को उन्नत तकनीक से खेती और कृषि से संबद्ध आर्थिक गतिविधियों को विकसित करने में फायदा मिलेगा। प्रदेश में किसानों और ग्रामीणों का जीवन स्तर बेहतर हो सकेगा। किसानों की आर्थिक-समाजिक स्थिति और सुदृढ़ होगी।