पेट्रोल-डीजल में लगी आग और भड़की, आज लगातार 12वें दिन बढ़े दाम

देश में पेट्रोल-डीज़ल के दाम इतने अधिक पहले कभी नहीं रहे, आम जनता महंगाई की इस मार से बेहाल है, लेकिन सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं

Updated: Feb 20, 2021, 04:18 AM IST

Photo Courtesy: Carlo.in
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देश भर में पेट्रोल डीज़ल के दामों में लगी आग बुझने की बजाय और भड़कती जा रही है। तेल कंपनियों ने आज लगातार 12वें दिन इनके दाम बढ़ा दिए। शनिवार को पेट्रोल 39 पैसे और डीजल 37 पैसे प्रति लीटर और महँगा कर दिया गया। इससे पहले शुक्रवार को भी पेट्रोल के दाम 31 पैसे और डीजल के दाम  33 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए थे। इस बढ़ोतरी के साथ ही दिल्ली में पेट्रोल 90.58 रुपए प्रति लीटर और डीजल 80.97 रुपए प्रति लीटर हो गया। इससे पहले दिल्ली में शुक्रवार को ही पेट्रोल के दाम पहली बार 90 रुपए प्रति लीटर से ज़्यादा हुए थे। मध्य प्रदेश और राजस्थान में तो पेट्रोल के दाम पहले ही सौ रुपये का आंकड़ा पार कर चुके हैं। आज की बढ़ोतरी के साथ मध्य प्रदेश के अनूपपुर में पेट्रोल का दाम 101 रुपये से ज्यादा हो गया है। 

पेट्रोल-डीजल के साथ ही साथ रसोई गैस के दामों में भी पिछले कुछ अरसे के दौरान ज़बरदस्त बढ़ोतरी हुई है। महंगाई की इस चौतरफ़ा मार से आम लोग बेहाल हैं। लेकिन केंद्र सरकार बड़ी बेपरवाही से कह रही है कि वो इस बारे में कुछ नहीं कर सकती। ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके लिए पिछली सरकारों को ज़िम्मेदार ठहरा चुके हैं। जबकि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सारी ज़िम्मेदारी तेल उत्पादक देशों पर डाल रहे हैं। मोदी सरकार यह भी साफ़ कर चुकी है कि वो जनता को इस महंगाई से राहत देने के लिए पेट्रोल-डीज़ल पर वसूले जाने वाले भारी-भरकम टैक्स में कोई कमी नहीं करने वाली। दरअसल मोदी राज में पेट्रोल-डीज़ल पर लगने वाली एक्साइज़ ड्यूटी में कई गुना बढ़ोतरी की गई है, जो आसमान छूती क़ीमतों की सबसे बड़ी वजह है।

पेट्रोल-डी़जल के दामों में लगातार हो रही इस बढ़ोतरी का असर औद्यौगिक इकाइयों और बाजार पर भी पड़ रहा है। देश के ज़्यादातर उद्योग-धंधे पहले से ही लॉकडाउन के कारण गहराई आर्थिक मंदी की मार से जूझ रहे हैं। ऐसे में महंगाई का प्रहार उन्हें और भी बदहाल कर रहा है। व्यापारियों का कहना है कि डीज़ल महँगा होने की वजह से माल मंगाने का खर्च बेतहाशा बढ़ने की आशंका है। जिसकी वजह से तमाम चीजों के दाम बढ़ना तय लग रहा है। मिसाल के तौर पर कारोबारियों को आशंका है कि ऑटो पार्ट्स 15% तक महंगे हो सकते हैं। उनका कहना है कि एक तरफ तो बंदी के बाद खुले बाजारों में कारोबार वापस पटरी पर नहीं लौटा हैं। और ऊपर से पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों ने चिंता बढ़ा दी है। डीज़ल के बढ़े हुए दामों की वजह से माल भाड़ा कम से कम दस फ़ीसदी तक बढ़ सकता है।

इसका सीधा असर क़ीमतों पर पड़ेगा, जो आख़िरकार आम लोगों को ही चुकानी होंगी।