India GDP: विश्व बैंक ने कहा भारतीय इकॉनमी की हालत डराने वाली, जीडीपी में 9.6 % गिरावट का अनुमान

World Bank: लॉकडाउन से पहले ही भारत की अर्थव्यवस्था पड़ रही थी धीमी, असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों की हालत और खस्ता

Updated: Oct 09, 2020, 02:24 AM IST

Photo Courtesy: Twitter
Photo Courtesy: Twitter

विश्व बैंक ने अनुमान जताया है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी में 9.6 फीसदी की कमी आएगी। संस्थान ने कहा कि भारत की आर्थिक हालत पहले के मुकाबले कहीं अधिक खराब है। विश्व बैंक ने कहा कि जीडीपी में आने वाली यह भारी कमी लॉकडाउन और आय के स्तर पर कंपनियों एवं लोगों को लगे झटके का परिणाम होगी। विश्व बैंक ने यह भी कहा कि लॉकडाउन से पहले ही भारत की आर्थिक गति धीमी पड़ रही थी, जिसने परिस्थितियां और खराब कर दी हैं। 

विश्व बैंक ने यह अनुमान दक्षिण एशिया को लेकर जारी एक आर्थिक रिपोर्ट में लगाया है। संस्थान का कहना है कि दक्षिण एशिया में कुल मिलाकर जीडीपी में 7.7 प्रतिशत की कमी आएगी। पिछले पांच सालों से क्षेत्र की जीडीपी 6 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ रही थी। 

विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री हैंस टिमर ने कहा कि भारत की स्थिति पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा खराब है। देश में एक तरह से अपवाद की स्थिति है, जो बहुत भयावह है। संस्थान ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार और उसे रोकने के लिए उठाए गए कदमों से आपूर्ति और मांग पर बहुत बुरा असर पड़ा है। 

दरअसल, मोदी सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन को दुनिया के सबसे कड़े लॉकडाउन के रूप में देखा जा रहा है। इसने करीब 70 प्रतिशत आर्थिक गतिविधियों पर एक झटके में ताला लगा दिया। विश्व बैंक ने कहा कि आर्थिक वृद्धि में इस भारी कमी से देश में गरीबी उन्मूलन अगर उल्टा नहीं हुआ है तो कम से कम फिलहाल के लिए रुक गया है, करोड़ों लोगों ने अपना रोजगार खो दिया है। 

Click: India's GDP: कोरोना से पहले ही खराब हो रही थी भारतीय अर्थव्यवस्था

संस्थान ने कहा कि यह संकट जल्दी नहीं जाने वाला है और भविष्य पर भी असर डालेगा। खासकर असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के पास कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है और रोजगार चले जाने पर उनकी स्थिति दयनीय हो गई है।