Amol Palekar Birthday: बॉलीवुड के कॉमन मैन अमोल पालेकर का जन्मदिन

अमोल पालेकर ने एक्टिंग के लिए छोड़ी बैंक की नौकरी, कामन मैन का किरदार निभाकर बने रियल हीरो, डायरेक्टर के तौर पर 5 बार जीता नेशनल अवार्ड

Updated: Nov 24, 2020, 08:36 PM IST

Photo Courtesy: Twitter
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एक्टिंग हो या फिर फिल्म डायरेक्शन, अमोल पालेकर ने अपने बेहतरीन काम से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया है। अपनी एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीत चुके एक्टर-डायरेक्टर अमोल पालेकर 76 साल के हो गए हैं। उनकी फिल्म गोलमाल और उसमें उनका डबल रोल दर्शक आज भी नहीं भूले हैं। राम प्रसाद और लक्ष्मण प्रसाद के किरदार में जान फूंकने वाले अमोल पालेकर हर फिल्म में अपनी छाप छोड़ते नजर आए। वे अपनी शांत और सहज एक्टिंग से लोगों का मन मोहते थे। फिल्मों में उनका सीधापन उनकी यूएसपी मानी जाती थी। उनके बोलने के स्टाइल, कॉमेडी औऱ इमोशनल सीन करने का अंदाज भी दूसरे कलाकारों से हटकर नजर आता था। गोलमाल फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला था।

एक्टिंग के साथ पेंटिंग का भी है शौख

अमोल पालेकर को एक्टिंग के साथ साथ पेंटिंग का बहुत शौक है। एक्टिंग में आने से पहले वे बैंक ऑफ इंडिया में क्लर्क थे। बैंक की नौकरी छोड़ने के बाद एक्टिंग में आए। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उहोंने गर्लफ्रेंड चित्रा के लिए थियेटर ज्वाइन किया था। चित्रा थिएटर आर्टिस्ट थीं। दोस्त के साथ ज्यादा वक्त बिताने के लिए उन्होंने थिएटर का रुख किया। अमोल पालेकर ने सत्यदेव दुबे से बेसिक एक्टिंग सीखी। उन्होंने मराठी फिल्म शांता से करियर की शुरुआत की थी। 1974 में बासु चटर्जी की फिल्म रजनीगंधा से हिन्दी फिल्मों में डेब्यू किया। बासु चटर्जी के साथ उन्होंने 8 फिल्मों में काम किया।   

बॉलीवुड के कामन मैन अमोल पालेकर

बॉलीवुड के कामन मैन कहे जाने वाले अमोल पालेकर ने 70 के दशक में अपना सिक्का जमाया। कामन मैन का किरदार निभाकर वे लोगों के रियल हीरो बन गए। उनकी सादगी, सिंपल लुक, बात करने का तरीके से अमोल पालेकर ने अपने किरदारों को जीवंत किया है।

अमोल पालेकर ने ज्यादातर फिल्मों में आम आदमी का किरदार निभाया। छोटी सी बात, घरौंदा, गोलमाल, चितचोर, बातों बातों में, अपने पराए, आदमी और औरत, रंग बिरंगी और बात बन जाए जैसी फिल्मों में कमाल की एक्टिंग की। अमोल पालेकर ने अपने करियर की पीक पर फिल्म डायरेक्शन का रुख किया। एक्टिंग की ही तरह उन्होंने डायरेक्टर के तौर पर और ज्यादा सफल रहे। डायरेक्टर के तौर पर उन्हें 5 बार नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

उन्होंने साल 1985 में आंखें नाम की फिल्म से डायरेक्शन की शुरुआत की थी। जिसमें उन्होंने एक्टिंग भी की थी। फिल्म थोड़ा रुमानी हो जाएं, दायरा, बांगरवाड़ी, ध्यास परवा, पहेली, क्वेस्ट, समानांतर, एंड वन्स अगेन जैसी फिल्मों में फैंस ने उनके डायरेक्शन को पसंद किया। उन्होंने कई गंभीर विषयों को अलग अंदाज में अपनी फिल्मों में पेश किया। उनके जन्मदिन पर बॉलीवुड के दोस्त और उनके फैंस बधाई दे रहे हैं।