चर्चा में संजय लीला भंसाली की नई वेबसीरीज, सोशल मीडिया पर मची हीरामंडी की धूम

पीरियड ड्रामा होगी हीरामंडी, रेड लाइट एरिया की महिलाओं की जिंदगी और उनके जीवन के अनछुए पहलुओं को दिखाएंगे संजय लीला भंसाली, पाकिस्तानी कलाकारों ने सोशल मीडिया पर दिया मिला जुला रिएक्शन

Updated: Oct 03, 2021, 11:04 AM IST

Photo Courtesy: tariqluqmanview.blogspot.com
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बॉलीवुड के वर्तमान शो मैन कहे जाने वाले संजय लीला भंसाली 25 साल से फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। खामोशी द म्यूजिकल से शुरू हुआ उनका सफर फिल्म गंगूबाई काठियाबाड़ी तक जारी है। अपनी यूनिक स्टाइल में फिल्में बनाने वाले भंसाली अपनी लार्जर दैन लाइफ स्टाइल में फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने एक नई वेबसीरीज हीरा मंडी बनाने की घोषणा की है।

भंसाली नेटफ्लिक्स के लिए इस सीरीज को बनाने का एलान कर चुके हैं। पाकिस्तान की हीरा मंडी गीत संगीत की महफिलों और तवायफों के लिए कुख्यात रही है। यह रेड लाइट एरिया है, वेबसीरीज के माध्यम से तवायफ़ों के जीवन की कहानी दिखाने का भंसाली का प्लान उनके लिए एक ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस सीरीज़ के एलान के बाद से ही पाकिस्तानी कलाकार इसे लेकर सोशल मीडिया पर मुखर हैं। पाकिस्तानी सेलिब्रिटीज इसे बनाए जाने का विरोध भी कर रहे हैं।

पाकिस्तानी एक्ट्रेस उशना शाह ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर विरोध जताते हुए कहा है कि भंसाली का 'हीरा मंडी' बनाना उतना ही अपमानजनक है जितना कि महाभारत पर एक पाकिस्तानी फिल्म बनाना। उन्होंने लिखा, "हीरा मंडी लाहौर में थी, लाहौर पाकिस्तान में है। इसकी प्रासंगिकता मुगल साम्राज्य से है, जिस पर मुख्य रूप से पाकिस्तानी इतिहास रचा गया है। यह महाभारत के बारे में एक पाकिस्तानी निर्देशक की फिल्म बनाने जैसा होगा।

अविभाजित भारत का हिस्सा रहे पाकिस्तान की ऐतिहासिक विरासत को वहां का मनोरंजन जगत कोई तवज्जो नहीं दे रहा है। जबकि भारतीय फिल्म मेकर उस पर वेबसीरीज बना रहे हैं। हीरा मंडी में इलाके के रसूखदार गीत संगीत की महफिल जमाने आते थे। हीरामंडी को शाही मोहल्ला भी कहा जाता है। संजय लीला भंसाली के विरोध का एक कारण यह भी है कि हीरामंडी से एक लंबा इतिहास भी जुड़ा है। इसका नाम सिख राजा रणजीत सिंह के एक मंत्री हीरा सिंह के नाम पर रखा गया था, जिसने यहां अनाज मंडी का निर्माण करवाया था।

वहीं इस ऐतिहासिक इलाके में तवायफों को भी बसाने का काम किया। तत्कालीन राजा रणजीत सिंह ने भी मुगल काल में यहां बने तवायफ इलाके को संरक्षित किया। लाहौर शहर के बीचों बीच बनी इस हीरा मंड़ी में 15वीं और 16वीं सदी में मुगल काल में तवायफ कल्चर के तौर पर पहचान बनाने लगा। वर्तमान में भी वहां वेश्यावृत्ति होती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो देश दुनिया से खूबसूरत लड़कियों को यहां लाया जाता रहा है। लाहौर किले के नजदीक होने की वजह से इसे शाही इलाका भी कहा जाता है।

माना जा रहा है कि सीरीज में गीत, संगीत के साथ, मुगलकालीन तहजीब, नजाकत, नफासत के साथ वहां के आर्ट को शो केस किया जाएगा। तब कला के शौकीन समाज के उच्चवर्ग के लोग यहां आते थे। कई बड़े उस्तादों की संगत में मुजरे की महफिल लगती थी। जहां इंडियन क्लासिकल डांस और शास्त्रीय संगीत की नुमाइश होती थी। अब यहां की कहानी संजय लीला भंसाली अपने स्टाइल में दर्शकों के सामने लाने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि यह पीरियड ड्राम हैं, जिसमें आजादी से पहले की कहानी बयां की जाएगी।