केंद्रीय कैबिनेट ने खरीफ की फसलों के लिए बढ़ाया एमएसपी, कृषि मंत्री बोले- एमएसपी है और रहेगी
पीएम मोदी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक के दौरान एमएसपी को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है, केंद्र सरकार ने खरीफ की एमएसपी को बढ़ाने का ऐलान किया है

नई दिल्ली। पीएम मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज किसानों को लेकर कई अहम फैसले लिए गए हैं। केंद्र ने बाजार सत्र 2021-22 के लिए खरीफ की फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी जारी कर दी है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक एमएसपी में 50 फीसदी तक कि बढ़ोतरी की गई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय कैबिनेट में धान की एमएसपी को 1868 रुपये से बढ़ाकर 1940 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। वहीं बाजारा की एमएसपी में 100 रुपये की बढ़ोतरी करते हुए 2150 से 2250 रुपये करने का फैसला लिया गया है। इस साल तिल की एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी की गई है। पिछले साल के मुकाबले तिल की फसल में 452 रुपये प्रति कुंतल बढ़ोतरी की गई है। इसके अलावा तुअर और उड़द की दाल में 300 रुपये एमएसपी की पुरानी कीमतों में बढ़ोतरी की गई है।
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कैबिनेट बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि एमएसपी है और हमेशा रहेगी। उन्होंने कहा, 'लगातार रबी और खरीफ की MSP घोषित भी की जा रही है। MSP चल रही है, MSP बढ़ रही है और MSP पर खरीद भी बढ़ रही है। विगत 7 वर्षों में लगातार कृषि के क्षेत्र में एक के बाद एक अनेक ऐसे निर्णय हुए जिससे किसान की आमदनी बढ़े, किसान महँगी फसलों की ओर आकर्षित हो, किसान के घर में खुशहाली आये और खेती फायदे का सौदा बने।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि उपज की सरकारी खरीद, सीजन 2021-22 के लिए खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों (एमएसपी) को स्वीकृति दी...
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) June 9, 2021
किसानों को मिलेगा उनकी उपज का अधिक दाम...https://t.co/7BSD2KIEQz pic.twitter.com/ocyAYxi3bz
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि, 'मोदी सरकार का, MSP को उत्पादन लागत के 1.5 गुना (अथवा उत्पादन लागत पर कम से कम 50% मुनाफा) के स्तर पर निर्धारित करने की दिशा में एक क्रन्तिकारी फैसला है। हमारी सरकार किसान हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसलिए अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों में बढ़ोतरी के बावजूद किसानों को DAP खाद का एक बैग 2400 रु की जगह 1200 रु में ही मिलेगा। केंद्र ने DAP के एक बैग पर सब्सिडी को 500 रूपए से बढ़ाकर 1200 रूपए किया, ताकि किसान पर बढ़ी हुई कीमत का कोई बोझ न पड़े।भारत सरकार इसके लिए अतिरिक्त 15,000 करोड़ रूपए खर्च करेगी।'