MP : बांस पर बोल कर दाल पर घिरे प्रभात झा
BJP नेता प्रभात झा ने बांस पर आयात शुल्क में कटौती का मुद्दा उठाया तो किसान नेता केदार सिरोही ने पूछा मोदी सरकार ने दाल पर क्यों घटाया आयात शुल्क

बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर आरोप लगाने का सिलसिला जारी है। पहले तो उन्होंने कमलनाथ को चीनी एजेंट कहा और अब एक ट्वीट के जरिए उन्होंने सवाल किया है कि ‘क्यों बांस के आयात पर टैक्स 30% से घटाकर 10% किया गया। ऐसा करने से बांस का घरेलू बाजार तबाह हो गया।
कमलनाथ जी @OfficeOfKNath बताएं कि क्यों बांस के आयात पर टैक्स 30% से 10% किया गया और बांस का घरेलू बाजार तबाह कर दिया गया। @BJP4India @BJP4MP
— Prabhat Jha (@jhaprabhatbjp) June 26, 2020
बीजेपी उपाध्यक्ष प्रभात झा को किसान कांग्रेस नेता केदार शंकर सिरोही ने इसका जवाब दिया है। उन्होंने प्रभात झा के ट्वीट पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ‘पहले सरकार यह बताए कि क्यों दलहन के आयात पर टैक्स 30% से 10 % क्यों किया गया? औऱ दलहन का घरेलू बाजार क्यों तबाह कर दिया गया?
प्रभात जी @jhaprabhatbjp बताए की क्यो दलहन के आयात पर टैक्स 30% से 10 % किया गया? औऱ दलहन का घरेलू बाजार तबाह कर दिया गया?
— Kedar Shankar Sirohi (@KedarSirohi) June 27, 2020
अब जाबाब दो प्रभात जी? जाबाब दो ?यह टेक्स अभी 15 दिन पहले आपकी मोदी सरकार ने कम किया ?@INCMP@OfficeOfKNath @digvijaya_28 @NakulKNath @PankajPuniaINC
किसान नेता सिरोही ने जिक्र किया है कि सरकार ने यह फैसला इसी महीने 15 दिन पहले लिया है। गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने तीन महीनों के लिए मसूर दाल पर आयात शुल्क घटाकर 10 फीसदी कर दिया है। इसका मकसद मसूर दाल की घरेलू उपलब्धता बढ़ाना है। पहले इस दाल पर आयात शुल्क 30 फीसदी था।
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केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क (सीबीआईसी) बोर्ड ने 30 जून, 2017 की अधिसूचना में संशोधन किया है इसमें कहा गया है कि तात्कालिक रूप से 31 अगस्त 2020 तक मसूर पर आयात शुल्क को कम किया जा रहा है। भारत दुनिया में दलहनों का सबसे बड़ा उपभोक्ता और आयातक देश है।