कोरोना वैक्सीन बीमारी से तो बचाएगी लेकिन वायरस फैलने से रोक पाएगी इसमें संदेह

कोरोना वैक्सीन बनाने वाली अमेरिकी दवा कंपनी मॉडर्ना के चीफ वैज्ञानिक ने कहा, वैक्सीन लोगों को बीमारी से तो बचाएगी लेकिन इंफ़ेक्शन को फैलने से रोक पाएगी इसमें संदेह है

Updated: Nov 25, 2020, 11:07 PM IST

Photo courtesy: The Economic Times
Photo courtesy: The Economic Times

पूरी दुनिया जहां कोरोना वैक्सीन के लिए आस लगाए बैठी है, इसी बीच एक खबर लोगों की चिंता बढ़ा रही है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मॉडर्ना दवा कंपनी के वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना की जो वैक्सीन खोजी जा रही हैं, वो लोगों को बीमार पड़ने से रोकने में 94-95 फीसदी तक कारगर हैं, लेकिन ये दावा नहीं किया जा सकता कि उनसे कोरोना के इंफेक्शन को फैलने से भी रोका जा सकेगा।

हाल ही में अमेरिकी फार्मा कंपनी मॉडर्ना घोषणा की थी कि उसकी कोरोना वैक्सीन 94.5 प्रतिशत कारगर पाई गई है। लेकिन अब मॉडर्ना के चीफ साइंटिस्ट का एक बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि कोरोना वैक्सीन लोगों को बीमार होने से तो बचाती है, लेकिन वह वायरस को फैलने से रोक पाएगी, ऐसा नहीं कहा जा सकता। हालांकि इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि ट्रायल के दौरान इस बारे में जांच नहीं की गई है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मॉडर्ना के चीफ साइंटिस्ट ने लोग से कहा है कि वैक्सीन के प्रभावी रिजल्ट को बहुत बढ़ा चढ़ाकर नहीं देखें। ना ही मॉडर्ना और ना ही फाइजर की कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के दौरान इस बात की जांच की गई है कि क्या वैक्सीन संक्रमण को रोकने में कारगर होगी?

मॉडर्ना के चीफ साइंटिस्ट का कहना है कि उनके ट्रायल डेटा से पता चला है कि वैक्सीन लोगों को बीमार होने से बचाती है। लेकिन ट्रायल डेटा से यह पता नहीं चला है कि किसी शख्स के संक्रमित होने के बाद वैक्सीन वायरस के ट्रांसमीशन को रोक पाएगी या नहीं। ज्यादातर वैक्सीन की तरह मॉडर्ना की वैक्सीन भी इस तरह डिजाइन हुई है कि यह व्यक्ति के शरीर में मौजूद वायरस को खत्म नहीं करती, बल्कि वायरस को शरीर के रिसेप्टर से जुड़ने से रोकती है। जिससे लोग बीमार नहीं होते हैं।

दूसरी तरफ एस्ट्राजेनका और ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन का भी ट्रायल जारी है, वहां से मिले शुरुआती डेटा के अनुसार शायद उनकी वैक्सीन कोरोना वायरस के फैलाव को भी रोक सकती है। हालांकि इस बारे में अब पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि वैक्सीन का ट्रायल अभी जारी है, पूरा नहीं हुआ है। केवल शुरुआती डेटा ही जारी हुआ है।