वर्ल्ड पोस्ट डे: स्मार्ट फोन के दौर में भी डाक सेवा पर भरोसा कायम, जानें इसका इतिहास और इस साल की थीम

इस साल ये दिन एक साथ विश्वास के लिए: 'एक सुरक्षित और जुड़े भविष्य के लिए सहयोग' की थीम के साथ मनाया जाएगा। भारत में राष्ट्रीय डाक सप्ताह हर साल 9 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक मनाया जाता है।

Updated: Oct 09, 2023, 12:03 PM IST

आज के स्मार्ट फोन और इंटरनेट के दौर में हम डाक सेवा को लगभग भूल से गए हैं। लेकिन आज भी हमारे देश में कई ऐसी जगहें हैं जहां स्मार्ट फोन या इंटरनेट नहीं पहुंच पाता, वहां डाक पहुंच जाती है। लद्दाख जैसे दुर्गम क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के लिए जहां ऑनलाइन डिलीवरी की सुविधा नहीं होती, प्राइवेट कोरियर की सर्विसेज नहीं होती वहां बहनें रक्षाबंधन डाक के जरिए ही राखी भेजती है। डाक की इसी महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 9 अक्टूबर को 'वर्ल्ड पोस्ट डे' यानी विश्व डाक दिवस मनाया जाता है।

चिट्ठी पत्र का दौर भले ही पहले के मुकाबले कम हो गया हो लेकिन आज भी संचार का यह माध्यम सबसे बेहतरीन माना जाता है। सैकड़ों संस्थाएं, कार्यालय आज भी आधिकारिक कार्य के लिए डाक पर भरोसा करते हैं। आईए जानते हैं विश्व डाक दिवस को मनाने की शुरुआत क्यों और कैसे हुई। साथ ही भारतीय डाक सेवा का इतिहास और विश्व में भारतीय डाक की भूमिका क्या है?

डाक का इतिहास

सन 1840 में इंग्लैंड में एक प्रणाली की शुरुआत की गई थी। इस प्रणाली के तहत जो भी डाक पत्र होते थें उन पर भुगतान पहले यानी प्रीपेड करना होता था। इस प्रणाली की शुरुआत सर रॉलैंड हिल द्वारा की गई थी। इस प्रणाली में पत्रों के लिए प्रीपेड भुगतान के साथ घरेलु सेवा के लिए एक श्रेणी निश्चित की गई थी, जिसमें समान भार वाले सभी पत्रों के लिए एक समान दर वसूला जाता था। इतना ही नहीं सर रॉलैंड हिल ने ही दुनिया की पहली डाक टिकट भी पेश की थी। जबकि भारत में पहला डाकघर 1774 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में स्थापित किया था। बाद में 1864 में कोलकाता में लैंडमार्क जनरल पोस्ट आफिस बनाया गया। 1880 में भारत में मनी आर्डर सिस्टम शुरू हुआ और 1986 में स्पीड पोस्ट की शुरुआत हुई।

बता दें इस साल ये दिन एक साथ विश्वास के लिए: 'एक सुरक्षित और जुड़े भविष्य के लिए सहयोग' की थीम के साथ मनाया जायेगा। भारत में राष्ट्रीय डाक सप्ताह हर साल 9 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक मनाया जाता है। आपको बता दें की विश्व स्तर पर इस दिवस को यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की स्थापना के दिन को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। वहीं दुनिया की लगभग 82 फीसदी आबादी को डाक के जरिए होम डिलीवरी की सुविधा मिलती है। 77 प्रतिशत लोग ऑनलाइन भी डाक सेवा का फायदा उठाते हैं।