अलग अलग वैक्सीन की डोज लेना हो सकता है घातक, WHO की चीफ साइंटिस्ट ने दी चेतावनी

सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि हम इस समय डेटा फ्री और एविडेंस फ्री ज़ोन में रह रहे हैं, हमारे पास अलग अलग वैक्सीन की डोज के प्रभाव को लेकर कोई पर्याप्त डेटा नहीं है, ऐसे में अलग अलग वैक्सीन की डोज लेने का यह ट्रेंड काफी घातक सिद्ध हो सकता है

Publish: Jul 13, 2021, 05:17 AM IST

Photo Courtesy: Scroll.in
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नई दिल्ली। कोरोना से बचाव के लिए अलग अलग वैक्सीन की डोज लेना काफी घातक सिद्ध हो सकता है। यह चेतावनी विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने दी है। सौम्या ने कहा है कि चूंकि अलग अलग वैक्सीन की डोज से संबंधित अभी कोई प्रमाणिक डेटा नहीं है, ऐसे में अलग अलग वैक्सीन की डोज लेना खतरे से खाली नहीं है। 

सौम्या स्वामीनाथन ने अपने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग के दौरान कहा कि अगर विभिन्न देशों के लोग खुद से यह तय करने लगेंगे कि उन्हें अलग अलग वैक्सीन की डोज लेनी है, और कितने अंतराल के बाद लेनी है, तो यह गंभीर स्थिति निर्मित कर सकता है। वैक्सीन के मिक्स और मैच को लेकर इस समय हम अभी डेटा फ्री और एविडेंस फ्री ज़ोन में हैं। 

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सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि अभी वैक्सीन की मिक्स और मैच पर स्टडी चल रही हैं। इसलिए हमें अभी फिलहाल इंतजार करने की जरूरत है। सौम्या ने कहा कि अलग अलग वैक्सीन की डोज लेना लाभदायक हो सकता है, लेकिन हमें अभी इंतजार करना होगा। हालांकि इससे पहले जून महीने में खुद सौम्या स्वामीनाथन ने ब्रिटेन और जर्मनी का हवाला देते हुए अलग अलग वैक्सीन की डोज लेने को लाभदायक बताया था। 

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मई महीने में केंद्र सरकार ने भी कहा था कि अलग अलग वैक्सीन की डोज लेने के साइड इफेक्ट्स नहीं हैं। हालांकि केंद्र ने कहा था कि इस मसले पर अभी वैज्ञानिक डेटा की दरकार है। भारत में अलग अलग वैक्सीन की डोज लेने के कई मामले सामने आ चुके हैं। मई महीने में ही उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में बीस लोगों ने अलग अलग वैक्सीन की डोज ली थी।