अशरफ गनी के भाई ने किया तालिबान का समर्थन, तालिबानी नेताओं के साथ मीटिंग के बाद लिया फैसला

अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी इस समय यूएई में हैं, तालिबान के बढ़ते वर्चस्व के बाद वे देश छड़ोकर भाग गए थे

Updated: Aug 21, 2021, 07:42 AM IST

नई दिल्ली। पूर्व अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी के भाई ने तब तालिबान को अपना समर्थन दे दिया है। अशरफ गनी के भाई हशमत गनी अहमजाई ने तालिबान के नेताओं के साथ मीटिंग करने के बाद उन्हें समर्थन करने का फैसला किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हशमत गनी ने तालिबान के खलील उर रहमान हक्कानी से मुलाकात के बाद तालिबानी हुकूमत को समर्थन दे दिया है। 

बीते दिनों तालिबान के अफगानिस्तान में बढ़ते वर्चस्व के समय ही हशमत गनी के तालिबान में शामिल होने के कयास लगने शुरू हो गए थे। अफगानिस्तान पर तालिबानी हुकूमत के स्थापित होने और अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद हश्मत के तालिबान के साथ जाने की संभावना बढ़ गई थी। अब हशमत गनी के तालिबान में शामिल हो जाने के बाद से आतंकी संगठन को और मजबूती मिलने के आसार हैं। 

अशरफ गनी इस समय यूएई में हैं। यूएई ने गनी को मानवीय आधार पर शरण दी है। दावा है कि अशरफ गनी अपने साथ भारी मात्रा में कैश भी लेकर गए हैं। हालांकि गनी ने इन बातों से इनकार किया है। गनी ने यूएई पहुंचने के बाद कहा था कि वे नहीं चाहते थे कि अफगानिस्तान में अब और खूनी संघर्ष बढ़े, इसलिए उन्होंने देश छोड़ने का फैसला किया। 

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फिलहाल तालिबान अफगानिस्तान में अपनी सरकार के गठन की तैयारी कर रहा है। खबरों के मुताबिक तालिबान जल्द ही अपना राष्ट्रपति चुन सकता है। हालांकि कितने देश तालिबानी हुकूमत को मान्यता देंगे इस पर अभी संशय बरकरार है। हालांकि पहले तालिबान की हुकूमत को मान्यता न देने की बात करने वाले ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन के सुर अब बदलने लगे हैं। बोरिस जॉनसन ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर ब्रिटेन तालिबान के साथ काम कर सकता है।