India China Dispute : शांति के लिए मिलिट्री लीडर्स के बीच वार्ता

LAC पर विवाद को लेकर आज होने वाली वार्ता को कूटनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम माना जा रहा है

Publish: Jun 06, 2020, 09:08 PM IST

lt gen harinder singh    Photo courtesy : the quint
lt gen harinder singh Photo courtesy : the quint

भारत और चीन के बीच लद्दाख में करीब एक महीने से जारी सीमा विवाद पर आज एक महत्‍वपूर्ण बैठक होने जा रही है।  समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्‍तर की यह बात भारत के लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह अपने समकक्ष चीनी मेजर जनरल लियु लिन के साथ करेंगे। उम्‍मीद की जा रही है कि इस बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर उपजा गतिरोध समाप्‍त होगा। इस बैठक पर कई देशों की निगाहें हैं।

 

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की मध्‍यस्‍था की पेशकश को दोनों देशों ने नकार दिया है। दोनों देशों के बीच होने वाली लेफ्टिनेंट जनरल स्तर के वार्ता से ठीक एक दिन पहले चीन ने स्थिति को सामान्य व नियंत्रण योग्य कहा है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा है कि भारत और चीन के बीच स्थिति स्थिर और नियंत्रण योग्य है। उन्होंने कहा, 'दोनों देशों के पास बॉर्डर पर बात करने का मैकेनिज्म है और सेना की बातचीत और कूटनीतिक रास्ते से दोनों देश मुद्दे को सुलझा सकते हैं। हम प्रासंगिक मुद्दों को समुचित तरीके से सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'

रतलब है कि मंगलवार को भी दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर की बातचीत हुई थी जिसमें दोनों पक्षों ने अपनी बातें रखी। कोई ठोस हल न निकलने के वजह से बैठक बेनतीजा रही। वहीं इसके पहले ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत की कोशिश भी की गई थी लेकिन वह प्रयास भी असफल होने के बाद अब लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत करने का निर्णय लिया गया है। LAC पर विवाद 5 मई से शुरू हुआ है जब दोनों देशों के सुरक्षाबलों के बीच झड़प हुई थी। उस दौरान चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों को कुछ घंटों के लिए बंधक बनाने की भी खबर आई थी। हालांकि भारतीय सेना ने इस बात को खारिज करते हुए कहा था कि ऐसा नहीं हुआ है और यह बिल्कुल अफवाह है। विवाद मुख्य रूप से LAC के तीन जगहों पर है जिसमें गलवान घाटी, फिंगर फोर और हॉट स्प्रिंग इलाका शामिल है। बीते दिनों लद्दाख के पैंगोंग त्सो इलाके में तनाव बढ़ा है।

इस विवाद को खत्म करने के लिए लोकल कमांडर, डेलिगेशन लेवल और हाईएस्ट कमांडर स्तर की लगभग 12 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।