जैक डोरसी ने Twitter के CEO पद से दिया इस्तीफा, भारत के पराग अग्रवाल को बनाया अपना उत्तराधिकारी

आईआईटी बॉम्बे से लेकर दुनिया के सबसे बड़े माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर के CEO बनने तक, जानें पराग अग्रवाल ने कैसे लगाई इतनी लंबी छलांग

Updated: Nov 29, 2021, 06:57 PM IST

कैलिफोर्निया। दुनिया के सबसे बड़े माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर के सीईओ जैक डोरसी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जैक ने खुद ट्वीट कर अपने इस चौंकाने वाले फैसले की जानकारी दी है। सबसे खास बात ये है कि जैक ने अपना उत्तराधिकारी एक भारतीय मूल के युवा पराग अग्रवाल को बनाया है। जैक ने जैसे ही ऐलान किया की पराग कंपनी के अगले सीईओ होंगे दुनियाभर में पराग को लेकर कौतूहल है कि आखिर वे कौन हैं और उनमें ऐसा क्या खास है जो आज ट्विटर के सर्वोच्च पद पर बैठ गए हैं।

पराग अग्रवाल में क्या खासियत है इस बात का जिक्र खुद ट्विटर के फाउंडर और अबतक सीईओ रहे जैक डोरसी ने अपने इस्तीफा पत्र में बताया है। जैक डोरसी ने लिखा है कि उन्हें इस्तीफा देते हुए दुःख हो रहा है लेकिन इस बात की खुशी है कि पराग जो इस पद के लिए सबसे योग्य हैं, उन्हें सीईओ बनाया गया है। पराग एक ऐसे शख्स हैं जिनसे मुझे हर दिन कुछ सीखने को मिलता है। पिछले 10 वर्षों में पराग ने बेहद शानदार काम किया है और मैं उनके व्यक्तित्व और कार्यकुशलता का कायल हूं और उनका आभारी भी। अब वक़्त आ गया है कि पराग ट्विटर का नेतृत्व करें।' 

जैक डोरसी लिखते हैं कि, 'सीईओ पद के लिए काफी समय से पराग मेरे चॉइस रहे हैं। वे कितनी गहराई से कंपनी की जरूरतों को समझते हैं। कंपनी के हर बड़े फैसले जिन्होंने आज हमें इस मुकाम तक पहुंचाया उसके पीछे पराग रहे हैं। वह दिल और पूरी आत्मा से नेतृत्व करते हैं। इस बात पर विचार कीजिए कि पराग ने यहां बतौर इंजीनीयर नौकरी शुरू की थी, लेकिन अपने काम के बदौलत वे आज सीईओ हैं। पराग ने मुझसे अच्छा काम किया। मुझे इसके लिए गर्व है। मैं कुछ दिनों में बोर्ड ऑफ मेंबर्स से भी इस्तीफा दे दूंगा। क्योंकि मुझे लगता है कि पराग को वह स्पेस मिलना चाहिए ताकि वो कंपनी का नेतृत्व कर सके। मुझे लगता है एक कंपनी अपने फाउंडर के हस्तक्षेप और निर्देश के बगैर भी खड़ी हो सकती है और मुझे पता है पराग ये करेंगे।'

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IIT बॉम्बे से ट्विटर के शीर्ष पद तक का सफर

पराग अग्रवाल ने अपनी स्कूली शिक्षा परमाणु ऊर्जा केंद्रीय विद्यालय से पूरी की थी। स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग किया। इसके बाद स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से उनका चयन हुआ और उन्होंने वहां से पीएचडी की उपाधि ली। उन्होंने साल 2011 में ट्विटर जॉइन किया था और तब से वे लगातार ट्विटर के साथ ही काम कर रहे हैं। साल 2018 में उन्हें ट्विटर का CTO बनाया गया था। उन्होंने ऐसे समय में कंपनी जॉइन की थी, जब वहां 1000 से भी कम लोग काम करते थे।

पराग के आने के बाद ट्विटर दिन-प्रतिदिन सफलता की सीढ़ियों पर आगे बढ़ता रहा और आज के समय में दुनियाभर में कंपनी की दबदबा है। जैक डोरसी के इस्तीफा पत्र से ही साफ है कि कंपनी को इस मुकाम तक पहुंचाने में पराग का कितना बड़ा योगदान रहा है। वहीं पराग ने सीईओ बनाए जाने पर लिखा कि वह काफी सम्मानित महसूस कर रहे हैं और खुश हैं। उन्होंने जैक डोर्सी के निरंतर मार्गदर्शन एवं दोस्ती के लिए उनका आभार व्यक्त किया है। इस फैसले के साथ ही पराग सुंदर पिचाई, सत्या नडेला जैसे उन भारतीय मूल के लोगों की सूची में शामिल हो गए हैं जिन्होंने दुनियाभर में भारत का झंडा गाड़कर देश के मान-सम्मान और प्रतिष्ठा को बढ़ाया है।