तालिबान ने दी अल्पसंख्यकों के सुरक्षा की गारंटी, गुरुद्वारा कमेटी के साथ मीटिंग करने के बाद सामने आया बयान

काबुल गुरुद्वारा कमेटी के साथ तालिबानी नेताओं ने की मीटिंग, जिसके बाद तालिबान ने यह आश्वासन दिया है कि उसके राज्य में अल्पसंख्यकों को परेशान नहीं किया जाएगा

Updated: Aug 20, 2021, 04:59 AM IST

नई दिल्ली। अफगानिस्तान में हुए तख्तापलट के बाद से ही अफगानिस्तान में लोगों की जिंदगियों को लेकर चिंता बढ़ गई है। तमाम देश अपने नागरिकों को वतन वापस लाने में जुटे हुए हैं। इसी बीच तालिबान ने यह आश्वासन दिया है कि उसके राज में अल्पसंख्यक पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे। 

तालिबान ने यह बात काबुल गुरुद्वारा कमेटी से हुई मुलाकात के बाद कही है। काबुल गुरुद्वारा कमेटी के साथ हुई इस मीटिंग के बाद तालिबान ने कहा कि उसकी हुकूमत हिंदुओं और सिखों को पूरी तरह सुरक्षा दी जाएगी। तख्तापलट के बाद यह खबर आई थी कि काबुल स्थित गुरुद्वारा में करीब 200 की संख्या में हिंदू और सिख छिपे हुए हैं। 

तालिबान के हुकूमत के बाद से ही अफगानिस्तान में शांति बहाल होने को लेकर कोई भी देश आश्वस्त नहीं है। यही वजह है कि भारत सरकार ने कहा है कि वह अफगानिस्तान से आने वाले हिन्दुओं और सिखों को अपने यहां शरण देगी। विशेषकर भारत और अफगानिस्तान के बीच होने वाले व्यापार पर भी रोक लगा दी गई है। हालांकि तालिबान ने कहा है कि वो हर देश के साथ अच्छे संबंध चाहता है, लेकिन वो अपने धार्मिक मामलों में किसी तरह के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा। 

दूसरी तरफ तालिबान ने घोषणा की है कि उसकी हुकूमत में अफगानिस्तान इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान के नाम से जाना जाएगा। इसके साथ ही शरीयत कानून हर व्यक्ति को मानना होगा। गुरुवार को ही अफगानिस्तान के स्वतंत्र दिवस के अवसर पर बड़ी संख्या में लोग अफगानी झंडे के साथ सड़क पर निकले और तालिबान की हुकूमत के खिलाफ अपनी आवाज मुखर की। इस दौरान गोलीबारी हुई, जिसमें काफी संख्या में लोगों के मारे जाने की खबर है।