ब्रिटेन ने कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज़ के लिए समयावधि घटायी, अब 8 हफ्ते के अंतराल पर लग सकेगी दूसरी डोज
भारत सरकार के सरकारी समूह NTGAI ने वैक्सीन डोज के अंतराल को 12 हफ्ते से 16 हफ्ते तक बढ़ाने की सिफारिश की है, यह सिफारिश ब्रिटेन में मिले साक्ष्यों के आधार पर किया गया है, लेकिन ब्रिटेन ने भारत के फैसले के अगले ही दिन विपरीत फैसला लेकर भारत को सकते में डाल दिया है

नई दिल्ली। भारत में वैक्सीन के दो डोज के अंतराल को बढ़ाने का फैसला कर लिया गया। लेकिन वैक्सीन की दो डोज के बीच अंतराल बढ़ाने का फैसला जिस ब्रिटेन में मिले साक्ष्यों के आधार पर किया गया, उसी ब्रिटेन ने अब दो डोज के अंतराल को कम करने का फैसला कर लिया है। ब्रिटेन में अब कोविशील्ड के टीके के दोनों डोज आठ हफ्ते के अंतराल पर लिए जा सकेंगे।
टीके के दोनों डोज के बीच अंतराल कम करने की जानकारी खुद एनएचएस इंगलैंड ने ट्वीट कर दी है। ट्वीट में डोज के अंतराल की अवधि कम करने की जानकारी देते हुए कहा गया है कि अब कोरोना टीका के दो डोज की अवधि को 12 सप्ताह से घटाकर 8 हफ्ता कर दिया गया है। ट्वीट में यह भी साफ तौर पर कहा गया है कि लोगों को टीके का डोज लेना जारी रखना चाहिए।
Today the government said COVID vaccine second dose appointments will be brought forward from 12 to 8 weeks.
— NHS England and NHS Improvement (@NHSEngland) May 14, 2021
People should continue to attend appointments and don't need to contact the NHS. Those who should move their appointment forward will be told when they are able to do so.
इससे पहले भारत सरकार के सरकारी समूह NTGAI ने गुरुवार को कोविशील्ड के दोनों टीकों के डोज के बीच के अंतराल को बढ़ाकर 12-16 हफ्ता करने की सिफारिश की थी। दो डोज के बीच का अंतराल 6 से 8 सप्ताह का था। इसके साथ ही कोरोना से ठीक हुए लोगों को भी टीका लेने के लिए 6 महीने तक का इंतज़ार करने के लिए कहा गया है।
जब भारत में वैक्सीन की डोज के बीच अंतराल को बढ़ाने का निर्णय लिया गया तब यह सवाल उठने लगे कि एक तरफ जब भारत में वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने की बात कही जा रही है, वहीं दूसरी तरफ वैक्सीन की डोज के अंतराल को बढ़ाया जा रहा है। NTGAI ने वैक्सीन की डोज के अंतराल को बढ़ाने के लिए ब्रिटेन के साक्ष्यों को आधार बनाया था। लेकिन अब उसी ब्रिटेन ने दोनों डोज की अवधि को घटा दिया है। जिस वजह से एक बार फिर भारत में वैक्सीनेशन की अवधि बढ़ाए जाने पर सवाल उठने लगे हैं।