WHO : कोरोना के हवा में फैलने वाली रिपोर्ट्स पर विचार

Corova Virus : 239 वैज्ञानिकों का दावा कोरोना के हवा में फैलकर लोगों को संक्रमित कर रहा है संक्रमित

Publish: Jul 08, 2020, 06:04 AM IST

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि वह उन रिपोर्ट्स पर विचार कर रहा है, जिनमें करीब 239 वैज्ञानिकों ने कहा है कि यह वायरस हवा में फैलकर लोगों को संक्रमित कर सकता है। इन वैज्ञानिकों ने अपने इस दावे के तहत विश्व स्वास्थ्य संगठन से कोरोना वायरस से बचाव संबंधित दिशा निर्देशों को बदलने का आग्रह किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अभी तक केवल खांसने और छींकने को ही कोरोना वायरस के फैलने का मुख्य कारण बताया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि जब कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है तो कोरोना के भारी कण आसपास की सतहों पर गिर जाते हैं। इन कणों को जब कोई दूसरा व्यक्ति छू लेता है और अपने हाथ को अपने मुंह और नाक के संपर्क में लाता है तो वह दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है। वहीं इन 239 वैज्ञानिकों का दावा है कोरोना के बहुत छोटे कण देर तक हवा में तैरते रहते हैं और दूसरे लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।

अंग्रेजी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार लोगों के वापस बार, रेस्तरां, कार्यालयों, बाजार और कसिनो जाने से विश्व स्तर पर कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं और इसमें इस प्रवृत्ति की लगातार पुष्टि हुई है कि वायरस बंद जगहों पर ठहर जाता है और आस-पास के लोगों को संक्रमित करता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन लगातार इस बात पर जार देता रहा है कि कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से ही फैलता है, लेकिन 29 जून को एक अद्यतन रिपोर्ट में उसने कहा था कि हवा में तभी फैल सकता है सकता है, जब चिकित्सकीय प्रक्रिया के बाद ‘ऐरोसॉल’ या ‘ड्रोपलेट’ पांच माइक्रोन से छोटे हों। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने खांसने और छींकने से संक्रमण फैलने के दावे को आधार बनाते हुए मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाने और हाथ धोते रहने जैसे सुझाव दिए हैं।