कोरोना की नकली दवा फेवीमेक्स आई सामने, ना दवा में मिला कंटेंट और ना ही इसे बनाने वाली कंपनी

ग्वालियर में कोरोना की 40 हजार नकली टैबलेट का खुलासा, ओडिशा से सप्लाई हुई खेप, 70 प्रतिशत माल बिका, 250 पत्ते पकड़ाए, सैंपल भोपाल भेजा गया

Updated: Jun 14, 2021, 02:48 PM IST

Photo Courtesy: news 18
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ग्वालियर। इंसानियत के दुश्मनों ने नकली दवा बेचने का नया तरीका इजाद किया है। अब जिस दवा को आप जीवन रक्षक मानकर खा रहे हैं, वह बाहर से कुछ और है और अंदर से कुछ और। ऐसा ही मामला ग्वालियर में सामने आया है। यहां कोरोना इलाज में कारगर दवा फेवीमैक्स की नकली खेप मिली है। जिसके बारे में ओडिशा में खुलासा किया गया था कि जो कंटेट दवा के रैपर पर लिखा गया है, वह दवा में मौजूद नहीं है। इस दवा के 40 हजार पत्ते ओडिशा से ग्वालियर भेजे गए हैं। जिनमें से करीब 70 फीसदी दवा बिक चुकी है। पुलिस ने इस दवा के 250 पत्ते जब्त किए हैं। औषधि विभाग ने ग्वालियर के महादेव मेडिकल एंड सर्जिकल से फेवीमैक्स टैबलेट के 250 पत्ते अपनी कस्टडी में लिए हैं। दवा के सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं।

फेवीमैक्स दवा का निर्माण हिमाचल प्रदेश की एक फार्मा कंपनी ने किया था। इस फेवीमैक्स की खेप देशभर में सप्लाई हुई है। कुछ ही दिनों पहले ओडिशा में इसी कंपनी की दवा के नकली होने का खुलासा हुआ था। स्थानीय औषधि विभाग सैंपलिंग के बाद फेवीमैक्स की जांच में पाया था कि पैकेट में लिखा कंटेंट दवा में मौजूद ही नहीं है। वहां से भी बड़ी मात्रा में दवा की खेप जब्त की गई थी। ओडिशा में जांच के दौरान पाया गया कि जिस कंपनी ने दवा भेजी थी उस नाम की कोई कंपनी है ही नहीं। फिलहाल ग्वालियर से जब्त दवाओं की जांच भोपाल में होगी जिसके बाद ही किसी तरह का नतीजे पर औषधि विभाग पहुंचेगा।

इससे पहले नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कई शिकायतें मध्यप्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में मिल चुकी हैं। जिसे लेकर कई लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। अब फेवीमैक्स दवा के नकली मिलने से हड़कंप मचा है। जिन मरीजों को ये दवाएं दी गई हैं, उनकी जान पर बन आने की आशंका है। जरुरी कंटेंट वाली दवा नहीं मिलने से उनका संक्रमण जल्दी खत्म नहीं होगा जिससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है, वहीं जान पर जोखिम से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।  

दरअसल कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीज़ों के लिए फेविपिराविर दवा दी जाती है। इसका मॉलिक्यूल बताकर फेविमैक्स-400 की नकली टैबलेट का निर्माण किया गया। दवा पर जिस कंपनी मैक्स री-लाइफ हैल्थकेयर सोलन, हिमाचल प्रदेश का नाम दर्ज है इस नाम की कोई कंपनी पूरे हिमाचल प्रदेश में नहीं है।