मध्यप्रदेश में 50 लाख क्विंटल गेहूं खुले में, तूफान आने की आशंका से मची खलबली

मध्यप्रदेश में इन दिनों न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी चल रही है। शिवराज सरकार ने इस साल रिकॉर्ड 135 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है।

Updated: May 16, 2021, 06:59 AM IST

Photo courtesy: naiduniya
Photo courtesy: naiduniya

भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी चल रही है। किसानों से गेंहू को खरीदने के लिए ब्लॉक स्तर पर खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। अधिकांश खरीदी केंद्र खुले आसमान के नीचे संचालित हो रहे हैं, प्रदेश भर में 50 लाख क्विंटल किसानों से लिया गया गेहूं खुले आसमान के नीचे रखा गया है। प्रशासन ने खरीदी केंद्र बनाने से पहले सुरक्षा के पूरे इंतजाम करने के दावे किए थे, ताकि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा से बचा जा सके। लेकिन ताऊ - ते तूफान ने पोल खोल दी है। मौसम विभाग ने 16, 17 और 18 मई को मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में तूफानी बारिश की आशंका जताई है। इसके बाद से गेंहू की खरीदी पर रोक लगा दी है। सरकार ने विभाग के कर्मचारीयों को बाहर पड़ा गेहूं गोदाम तक पहुँचाने में लगा दिया है।


गेहूं की सरकारी खरीदी के नोडल विभाग खाद्य व नागरिक आपूर्ति, मध्य प्रदेश सहकारी विपणन संघ और सहकारिता विभाग खुले में रखे गेहूं को उठाने में पूरा जोर लगा रहे हैं, लेकिन इसमें सबसे बड़ी समस्या मालवाहक और हम्मालों की बताई जा रही है। विभाग का दावा है कि समय रहते गेंहू सुरक्षित स्थान पर कर लिया जाएगा। 

मौसम विभाग के अनुसार ताऊ- ते तूफान मध्यप्रदेश के रीवा, सतना, सीधी, मंडला, जबलपुर, बालाघाट के अलावा भोपाल के आस- पास के जिले सीहोर, विदिशा में असर रहेगा। वहीं, मौसम विभाग ने मालवा निमाड़ में भारी बारिश की आशंका जताई है। 

इंदौर जिले में वर्तमान समय में 37 खरीदी केंद्रों पर 1 लाख क्विंटल से अधिक गेहूं खुले में रखा हुआ है। विभाग बाहर पड़ा गेहूं का परिवहन करवा कर गोदामों में रखवाने में जुटा है, वहीं, सतना, जबलपुर, हरदा, सागर,रायसेन, उज्जैन में 5 लाख टन गेंहू खुले में रखा है। यहां बारदाना की कमी के चलते परिवहन होने में देरी हो रही है। लेकिन तूफान आने तक कितना गेहूं उठ पाता है, कहना मुश्किल है। 

गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश से सतना जिले के अमरपाटन तहसील के ग्राम शाहपुर में बनाए गए खरीदी केंद्र में खुले आसमान के नीचे रखा हजारों क्विंटल गेहूं पानी में भीग गया। खरीदी केंद्र में पानी से बचाव हेतु सुरक्षा के कोई भी इंतजाम नहीं हैं। बता दें बीते वर्ष भी बेमौसम बारिश से करीब 25 हजार क्विंटल गेहूं खराब हो गया था।