2018-19 में 51000 सरकारी स्कूल हुए बंद, दिग्विजय सिंह ने कहा- बताएँ, भाजपा गरीब विरोधी है या नहीं?

मध्य प्रदेश में स्कूलों की संख्या में 22,904 स्कूलों की गिरावट दर्ज की गई है, सितंबर 2018 में स्कूलों की संख्या 1,22,056 थी, जो सितंबर 2020 में घटकर 99,152 हो गई

Updated: May 13, 2022, 03:59 AM IST

Courtesy:  haribhoomi
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भोपाल। नए आंकड़े बताते हैं कि साल 2018-19 के दौरान 51 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूल बंद हो गए, जबकि 11 हजार से ज्यादा निजी स्कूल खुले हैं। हाल ही में स्कूल शिक्षा विभाग की इकाई यूडीआईएसई की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट कहती है कि सरकारी स्कूलों की संख्या 2018-19 में 10,83,678 से गिरकर 2019-20 में 10,32,570 हो गई है। ये आंकड़े कोरोना काल के पहले के हैं। जहां एक ओर सरकारी स्कूलों में गिरावट दर्ज की गई है, वहीं दूसरी ओर निजी स्कूलों की संख्या में 3.6 फीसदी का इजाफा हुआ है।

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यह आंकड़े चिंता बढ़ा रहे हैं। सरकारी स्कूलों की संख्या में गिरावट का सबसे ज्यादा असर गरीब परिवारों पर पड़ेगा। निजी स्कूलों की संख्या में बढ़त का मतलब है कि शिक्षा में महंगाई का भार बढ़ेगा। गरीब परिवार अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए पूरी तरह से सरकारी स्कूलों पर निर्भर हैं, ऐसे में ये आंकड़े डराने वाले हैं। जिनके लिए शिक्षा का एकमात्र सहारा सरकारी स्कूल है, वो अपने बच्चों को निजी स्कूल में नहीं पढ़ा सकेंगे।

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इस मामले पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि "शासकीय स्कूलों में पढ़ने कौन जाता है? गरीब के बच्चे जो फ़ीस नहीं दे सकते। कॉंग्रेस ने हर १ किमी पर एक शासकीय प्राथमिक शाला खोली थी। जो अधिकॉंश आदिवासी क्षेत्रों में खुले थे। अब उन्हें बंद कर निजी स्कूलों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। बताएँ, भाजपा गरीब विरोधी है या नहीं?"

 

वहीं मध्य प्रदेश में स्कूलों की संख्या में 22,904 स्कूलों की गिरावट दर्ज की गई है। सितंबर 2018 में स्कूलों की संख्या 1,22,056 थी, जो सितंबर 2020 में घटकर 99,152 हो गई। इसी तरह उत्तरप्रदेश के स्कूलों की संख्या में 26,074 की गिरावट देखी गई है। इसके विपरीत कुछ राज्यों में स्कूलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। जैसे बंगाल में स्कूलों की संख्या 82,876 से बढ़कर 83,3782 हो गई। इसी तरह बिहार में 72,590 से बढ़कर 75,555 हो गई।

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बता दें कि स्कूल शिक्षा विभाग की इकाई यूनाइटेड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फ़ॉर एजुकेशन प्लस की रिपोर्ट में यह बात निकल कर आई है सामने। यूडीआईएसई प्लस की रिपोर्ट में सरकारी स्कूलों की संख्या में गिरावट के कारणों का उल्लेख नहीं किया गया है।