107 दिनों बाद मिली तस्लीम को ज़मानत, चूड़ी बेचते वक्त हुई थी पिटाई

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने तस्लीम की जमानत याचिका स्वीकार कर ली, तस्लीम पर एक नाबालिग बच्ची ने छेड़खानी का आरोप लगाया था, जिसके बाद तस्लीम को पोस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था

Updated: Dec 07, 2021, 12:24 PM IST

Photo Courtesy: The Indian Express
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इंदौर। चूड़ी बेचने के दौरान भीड़ की हिंसा का शिकार हुए तस्लीम को आखिरकार जमानत मिल गई है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने तस्लीम की जमानत याचिका स्वीकार कर ली है। लगभग 107 दिनों के बाद अब कोर्ट ने उसकी रिहाई पर मुहर लगा दी है। सोमवार को मध्य प्रदेश की इंदौर खंडपीठ में जस्टिस सुजॉय पॉल ने तस्लीम को जमानत दे दी। तस्लीम को चूड़ी बेचने के दौरान नाबालिग बच्ची से छेड़खानी के आरोप में अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। 

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तस्लीम चर्चा में उस वक्त आया था जब इंदौर के बाणगंगा क्षेत्र में हिंदू समुदाय के लोगों ने उसकी पिटाई की थी। तस्लीम उस वक्त बाणगंगा क्षेत्र में चूड़ी बेच रहा था। तस्लीम की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद जमकर बवाल मचा था। मामले ने पूरी तरह से राजनीतिक रूप ले लिया था। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उस वक्त उपद्रवियों का साथ देते हुए तसलीम की गिरफ्तारी को जायज़ बताया था। 

तस्लीम के साथ ये घटना राखी के दिन हुई, जब वो इंदौर के एक मोहल्ले में चूड़ी बेचने गए थे। २५ साल के इस शक्स पर चूड़ी पहनाने के दौरान नाबालिग से छेड़छाड़ का आरोप लगा था। यही नहीं, उसका आरोप है कि उसपर पहचान गलत बताने का आरोप लगाकर मारपीट भी की गई थी। आरोपियों ने न सिर्फ उसे पीटा बल्कि हिन्दू मोहल्ले में दोबारा न आने के धमकी भी दी थी। इसके बाद आरोपी की नाबालिग बेटी के बयान से वो पाक्सो एक्ट में जेल भेज दिया गया था। मामले के तूल पकड़ने के बाद तस्लीम की पिटाई करने वाले चार आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया था लेकिन इन आरोपियों को सितंबर महीने में ही जमानत मिल गई थी। 

मामला राजनीतिक रूप इसलिए लिया क्योंकि बीते दिनों हिन्दू मोहल्ले में मुसलमानों के सामन बेचने पर कुछ लोगों ने लगातार आपत्ति जतायी थी। उनका मानना है कि मुसलमानों के लड़के इन इलाकों में आकर महिलाओं को फुसलाकर अपना सामान बेचते हैं। इस नाराजगी के शिकार सिर्फ तस्लीम नहीं कई मुस्िम समुदाय के लोग बने थे।