भोपाल: जनता क्वार्टर के 600 जर्जर मकानों को गिराने का नोटिस, हाईकोर्ट जाने की तैयारी में कांग्रेस

600 जर्जर मकानों में रहते हैं 3 हजार से अधिक लोग, जीवन खतरे में डालकर क्षतिग्रस्त मकान में रहने को मजबूर, 70 फीसदी से अधिक गरीबी रेखा के नीचे, रहने का कोई दूसरा ठिकाना नहीं

Updated: Sep 01, 2022, 03:55 AM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल के ऐशबाग इलाके में स्थित जनता क्वार्टर के 600 जर्जर मकानों को गिराने का नोटिस दिया गया है। मंगलावर को दोपहर 12 बजे नगर निगम का अमला, पुलिस और जिला प्रशासन के कर्मचारियों के साथ इन मकानों को गिराने पहंचा था। लेकिन जनता के विरोध के बाद तीन दिन में मकान खाली करने की चेतावनी देकर वापस चला गया। अब कांग्रेस इन रहवासियों की मदद के लिए कोर्ट जाने की तैयारी में है।

नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी के पति और कांग्रेस नेता आसिफ जकी मंगलवार को भी जनता के साथ खड़े थे। अगले ही दिन उन्होंने वकील भी हायर कर लिया। साथ ही रहवासियों से मकानों की रजिस्ट्री, अनुबंध पत्र और किरायानामा समेत अन्य दस्तावेज इकठ्ठा करना शुरु कर दिया है। ताकि कोर्ट में निगम कि कार्रवाई को चुनौती दी जा सके।

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दरअसल, इन मकानों को हाउसिंग बोर्ड ने 40 वर्ष पहले बनाया था। लेकिन अब यह पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं। एक दर्जन से अधिक मकानों में छत का छज्जा गिरने और दीवार क्षतिग्रस्त होने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। नगर निगम भी बीते कई सालों से बरसात के पहले रहवासियों को घर खाली करने का नोटिस भेजता आ रहा है। बावजूद यहां के 600 जर्जर मकानों में 3000 से अधिक लोग निवास कर रहे हैं। यह लोग अपनी जान खतरे में डालकर मजबूरी में इन क्षतिग्रस्त मकानों में रह रहे हैं। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक इनमें से 70 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे वाले हैं। यदि उन्हें यहां से हटा दिया गया तो उनके पास और कोई ठिकाना नहीं रह जाएगा। रहवासियों की मांग है कि उन्हें यहीं पर घर बना कर दिया जाए। नगर निगम के अपर आयुक्त एमपी सिंह ने बताया कि जनता क्वार्टर के मकान हाउसिंग बोर्ड की प्रापर्टी है। इसलिए अब अगली कार्रवाई बोर्ड के अधिकारियों से सुझाव और साथ लेकर की जाएगी।

मामले पर कांग्रेस नेता आसिफ जकी ने कहा कि, 'प्रदेश के मुख्यमंत्री घोषण कर चुके हैं कि 20 साल से अधिक समय से जो जिस जगह रह रहा है, उसे वहीं पट्टा दिया जाएगा। यदि जरुरत पड़े तो इस जगह पर मल्टीस्टोरी बनाई जाए, जिससे प्रोजेक्ट की लागत भी वसूल। लेकिन अधिकारी इसके उलट काम कर रहे हैं। हम जनता के साथ हैं, कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।'