प्यारे मियां केस: पीड़िता ने खाई नींद की गोलियां, हालत गंभीर

भोपाल के हमीदिया अस्पताल में लड़की को गंभीर स्थिति में वेंटिलेटर पर रखा गया, परिजनों ने पूछा, बालिका गृह में कैसे पहुंची नींद की गोलियां, अस्पताल के बाहर हंगामा

Updated: Jan 20, 2021, 04:25 AM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के हाईप्रोफाइल प्यारे मियां यौन शोषण मामले में एक नया मोड़ आ गया है। बालिका गृह में रह रही पीड़ित लड़की ने नींद की गोलियां खा ली हैं। पीड़िता को हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है।

दरअसल, सोमवार को देर रात पीड़िता की तबीयत अचानक खराब होने के बाद उसे हमीदिया लाया गया। मामले की जानकारी मिलते ही उसके परिजन भी अस्पताल आ गए। यहां डॉक्टरों ने पीड़िता के परिजनों को बताया कि लड़की ज्यादा बीमार है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। उधर नाबालिग के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पीड़िता को नींद की गोली दी गई है, जिसका डोज़ ज्यादा होने से उसकी स्थिति खराब हो गई। 

पीड़िता के परिजनों ने इस पूरे मामले के लिए बालिका गृह को दोषी करार दिया है। उन्होंने बालिका गृह पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पूछा कि नींद की गोलियां वहां कैसे पहुंची। हालांकि इस मामले में बाल गृह के कर्मचारियों और अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर अविनाश लवानिया ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं।

पीड़िता के परिजनों ने यह भी आरोप लगाया है कि उसे बालिका गृह में फरियादी के तरह नहीं बल्कि कैदी की तरह रखा जाता है। उसे अपने परिवार के लोगों से भी मिलने नहीं दिया जाता है। हमीदिया हॉस्पिटल के बाहर खड़ी पीड़िता की मां ने कहा कि, 'मुझे कोई बोल रहा है मेरी बेटी का ब्रेन डेड हो गया, कोई कह रहा है, वह नहीं रही। मुझे समझ में नहीं आ रहा। मुझे मेरी बेटी से मिलने भी नहीं दिया जा रहा। मुझे मेरी बच्ची जिंदा चाहिए।'

फिलहाल कमला नगर थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बालिका गृह में रह रही एक अन्य नाबालिग लड़की का बयान भी दर्ज कर लिया है। हैरान करने वाली बात यह है कि बयान देने के बाद उस लड़की की भी तबीयत खराब हो गई। उसे जेपी अस्पताल ले जाया गया जहां पर तीन घंटे भर्ती करने के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।