व्यापमं मामले में बड़ी कार्रवाई, सीबीआई कोर्ट ने 7 डॉक्टरों को भेजा जेल, सॉल्वर की मदद से बने थे डॉक्टर
विशेष न्यायालय ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए 7 डॉक्टर्स को सात-सात साल सश्रम करावास और 10-10 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है।
भोपाल। व्यापमं द्वारा आयोजित पीएमटी परीक्षा में सॉल्वर की मदद से परीक्षा उत्तीर्ण कर एमबीबीएस करने वाले आरोपी 7 डॉक्टरों को विशेष न्यायालय सीबीआई ने 7-7 वर्ष का सश्रम करावास और 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। यह मामला साल 2009 का है। व्यापम द्वारा आयोजित PMT परीक्षा 2009 में सॉल्वर की मदद से परीक्षा पास कर MBBS की पढ़ाई करने की शिकायत के बाद जांच हुई थी।
बता दें कि साल 2009 को व्यापम द्वारा आयोजित पीएमटी परीक्षा में सॉल्वर की मदद से परीक्षा उत्तीर्ण कर MBBS की पढ़ाई करने की करने की शिकायत STF को प्राप्त हुई थी। शिकायत के बाद इसकी जांच हुई. STFने सारे साक्ष्य जुटाए तो पाया कि 7 युवाओं ने साल्वर की मदद से PMT की परीक्षा पास की और फिर MBBS की पढ़ाई कर डॉक्टर भी बन गए हैं। इनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ और CBI के विशेष न्यायालय में ये मामला चल रहा था। विशेष न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसोदिया ने इस मामले के सारे सबूतों और गवाहों को सुनने के बाद आरोपियों को दोषी पाते हुए 7-7 साल के लिए जेल की सजा सुनाई है।
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इनके खिलाफ अपराध क्रमांक 55/2022 419 ,420, 467, 468, 471,120 बी भादवि और मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। पूरे मामले की जांच के बाद साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था। इस मामले की जांच एसटीएफ के थाना प्रभारी सुभाष दरश्यामकर ने की थी। STF की ओर से न्यायालय में विशेष लोक अभियोजक सुनील श्रीवास्तव ने पैरवी की थी।