निर्मोही अखाड़े का अधिकार छीन लिया, शंकराचार्य को अपमानित किया, भाजपा पर बरसे दिग्विजय सिंह

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर दिग्विजय सिंह ने भाजपा को घेरा, बोले- ऐसे व्यक्ति को (राम मंदिर) प्रमुख बनाया गया है, जो धर्म का अपमान कर रहा है और हिंदू नेताओं और धर्म को बांट रहा है।

Updated: Jan 11, 2024, 09:17 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा है। सिंह ने सत्ताधारी दल पर समाज को बांटने का आरोप लगाया है। साथ ही कहा है कि भाजपा और संघ द्वारा शंकराचार्य को अपमानित किया जा रहा है। पूर्व सीएम ने पूछा है कि चारों शंकराचार्यों को लेकर जो 'रामालय न्यास' बनाया गया था, उसे मंदिर निर्माण का अधिकार क्यों नहीं दिया गया?

राम मंदिर से जुड़े एक सवाल के जवाब में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मीडिया से कहा, 'राम मंदिर हमारे और आपके चंदे से बन रहा है। हम सब लोगों ने चंदा दिया है। हमें इस बात पर आपत्ति है कि शंकराचार्य को अपमानित किया जा रहा है। राम मंदिर पर विश्व हिंदू परिषद का क्या अधिकार है? हमने राम मंदिर के लिए दान दिया है। नरसिम्हा राव (पूर्व पीएम) ने चारों शंकराचार्यों को लेकर 'रामालय न्यास' बनाया था। यह आज भी कायम है। उसे निर्माण में अधिकार क्यों नहीं दिया गया?'

पूर्व सीएम ने आगे कहा, 'चंपत राय VHP के प्रचारक हैं, जिन्होंने जमीन का घोटाला किया है। ऐसे व्यक्ति को (राम मंदिर) प्रमुख बनाया गया है, जो धर्म का अपमान कर रहा है और हिंदू नेताओं और धर्म को बांट रहा है। रामानंदी संप्रदाय और शंकराचार्य के बीच खाई पैदा कर रहा है। निर्मोही अखाड़े का अधिकार क्यों छीन लिया गया है? इनके (भाजपा) पास बांटने के अलावा कोई काम नहीं है। पहले धर्म के नाम पर हिंदू-मुसलमानों को बांटा। अब भगवान राम को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। BJP, RSS और VHP आज अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति चला रही है।'

बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा धार्मिक ध्रुवीकरण में जुटी हुई है। महंगाई, बेरोजगारी जैसे तमाम असल मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए मोदी सरकार द्वारा अर्धनिर्मित राम मंदिर का उद्घाटन कराया जा रहा है। इसे लेकर देश के चारो शंकराचार्य से लेकर तमाम बड़े धर्माचार्य नाराज हैं। शंकराचार्यों ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने से इनकार कर दिया है। वहीं, कांग्रेस ने भी अपना स्टैंड क्लियर करते हुए कहा है कि हम राम मंदिर उद्घाटन का न्योता ससम्मान अस्वीकार करते हैं।