बिना दुल्हा के बारात निकाल रही है बीजेपी, जन आशीर्वाद यात्रा पर बोले कांग्रेस नेता ओमकार सिंह मरकाम

कांग्रेस हमेशा लोगों की बात सुनती है। हमारे लोग हमारे नेता राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक लोगों के बीच में जाकर उनके दिल की बात सुने हैं और यही लोकतंत्र है: ओमकार सिंह मरकाम

Updated: Sep 06, 2023, 10:57 AM IST

भोपाल। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 16 सदस्यीय केंद्रीय चुनाव समिति गठित की है। इस कमेटी में मध्य प्रदेश के एक मात्र नेता ओमकार सिंह मरकाम को जगह मिली है। सीईसी कमेटी का मेंबर बनने के बाद मरकाम ने भाजपा द्वारा निकाले जा रहे जन आशीर्वाद यात्राओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे बिना दुल्हा के बारात निकाल रहे हैं।

ओमकार सिंह मरकाम ने कहा कि, 'इस लोकतंत्र को कायम रखने के लिए आजादी के पहले से लेकर आजादी के बाद तक अगर शहादत देकर के लोकतंत्र को बचाया जा रहा है तो सिर्फ कांग्रेस के हमारे नेताओं के द्वारा। आजादी के बाद आपको बता दूं इंदिरा जी की शहादत, स्वर्गीय राजीव गांधी की शहादत, ये शहादत हमारे देश की अखंडता, संप्रभुता, लोकतंत्र के लिए हैं। कांग्रेस हमेशा लोगों की बात सुनती है। हमारे लोग हमारे नेता राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक लोगों के बीच में जाकर उनके दिल की बात सुने हैं और यही लोकतंत्र है।'

वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर मरकाम ने कहा,
'भारतीय जनता पार्टी के लोग वास्तविकता में काम नहीं कर रहे हैं। मैं पूछना चाहता हूं प्रधानमंत्री जी के 9 साल के कार्यकाल में शिक्षा के क्षेत्र में क्या किए हैं। प्राथमिक शिक्षा पर कितनी बजट दिए हैं। कहां-कहां पर प्राथमिक शिक्षा का बेहतरी के लिए काम किए हैं, जरा बताएं। स्वास्थ्य के लिए कितना काम किए हैं, जरा बताएं। पेयजल व्यवस्था के लिए ऐसा सपना दिखा रहे हैं, जिस गांव में पेयजल का स्तर मिल नहीं रहा है, वहां पर करोड़ों रुपए के वहां पर टंकी और पाइप लाइन बिछा दिए है। हमसे तो गांव में लोग कहते हैं कि यह तो ऐसी बारात है जिसमें दूल्हा ही नहीं और बरात लग रही है।'

आदिवासी राष्ट्रपति के मुद्दे पर मरकाम ने कहा कि, 'जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी के लोग आज इस बात की क्रेडिट लेना चाहते हैं कि महामहिम राष्ट्रपति महोदया जी को बना करके, मैं पूछना चाहता हूं महामहिम जी को बना करके आप उनका कितना सम्मान कर रहे हो। यह देश देख रहा है आप संसद भवन के उद्घाटन में नहीं ला रहे हो पर आप क्या प्रदर्शित करना चाहते हो? जो पहले होता था कि हमारे लोगों को अच्छी शिक्षा से वंचित किया जाता था आज संसद भवन का उद्घाटन का अगर हक है तो देश के राष्ट्रपति को है क्योंकि संसद भवन किसी दल का नहीं होता वह देश का होता है।'