ऑपरेशन के डर से भागा ब्लैक फंगस का मरीज, सवालों के घेरे में रीवा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल प्रबंधन

सीधी से रीवा इलाज के लिए आया मरीज अस्पताल से भाग गया, नाक से होते हुए उसके आंखों तक पहुंच गया था ब्लैक फंगस, ऑपरेशन कराने के डर से अस्पताल से नौ दो ग्यारह हुआ, अस्पताल प्रबंधन पर लगा गंभीर लापरवाही का आरोप

Updated: May 25, 2021, 06:49 AM IST

Photo courtesy: Patrika
Photo courtesy: Patrika

रीवा। शहर के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से ब्लैक फंगस से पीड़ित एक मरीज भाग गया है। मरीज का नाम सुरेंद्र पांडे नाम था, वह 50 वर्ष का था। उसे म्यूकर माइकोसिस याने ब्लैक फंगस इंफेक्शन था। जोकि उसकी नाक से होता हुआ आंखों तक पहुंच गया था। शुरुआती इलाज के बाद डाक्टरों ने उसके नाक के ऑपरेशन की तैयारी की थी।

ऑपरेशन के डर से मरीज अस्पताल छोड़कर भाग गया। जिसके बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया है। अस्पताल प्रबंधन और ड्यूटी पर तैनात डाक्टर और स्वास्थयकर्मियों पर सवाल खड़े होने लगे हैं। मामले की सूचना पुलिस को दे दी गई है। पुलिस मरीज की तलाश में जुटी है।

वहीं इस मामले में रीवा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डाक्टर का कहना है कि संक्रमण मरीज की नाक से होते हुए उसकी आंख की पुतलियों में असर डालने लगा था। इसके इलाज के लिए मरीज की नाक का आपरेशन किया जाना था, ताकि ब्लैक फंगस की सेल्स को निकाला जा सके और मरीज की रिकवरी जल्दी हो। अस्पताल के डाक्टर्स ने मरीज को इसकी पूरी जानकारी दी और सर्जरी की तैयारी करने लगे। जब उसे सर्जरी के लिए तैयार करने की बारी आई तो मरीज अपने बेड़ पर नहीं मिला। काफी देर तक खोजने के बाद ना तो वह मरीज मिला औऱ ना ही उसके परिजन।

अस्पताल से मरीज और उसके परिजन अचानक लापता हो गए। अस्पताल प्रबंधन ने मरीज से फोन पर भी संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। अस्पताल प्रबंधन ने मामले की सूचना पुलिस को दे दी है।

यह ब्लैक फंगस का मरीज सुरेंद्र पांडे सीधी जिले के रामपुर नैकिन ब्लाक के चोरगढ़ी गांव का रहने वाला था। और इलाज के लिए रीवा आया था। डॉक्टरों के शुरुआती इलाज से उसका संक्रमण ठीक भी हो रहा था। लेकिन फंगस को जड़ से खत्म करने और  जल्दी ठीक होने के लिए सर्जरी की जरूरत थी। डॉक्टर ने सलाह दी थी कि उसके नाक के भीतर के संक्रमण को सर्जरी से पूरी तरह निकाला जा सकता है, यह सुनकर मौका पाते ही मरीज और उसके परिजन अस्पताल से भाग खड़े हुए।

मामला उजागर होने के बाद सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में हड़कंप मच गया है। अस्पताल प्रबंधन और स्वास्थ्यकर्मियों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि इतनी सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बाद मरीज अस्पताल से भागने में कामयाब कैसे हो गया।

अस्पताल प्रबंधन की मानें तो अधूरा इलाज और ज्यादा घातक है, ब्लैक फंगस मरीज की आंखों की रोशनी खत्म कर सकता है, वहीं उसके अन्य अंगों जैसे फेफड़ों पर भी अटैक कर सकता है, इलाज के अभाव में उसकी मौत भी हो सकती है। फिलहाल पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। वहीं भविष्य में इस तरह की घटना नहीं हो इसके लिए अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

 रीवा में ब्लैक फंगस के 22 मरीजों का इलाज किया जा रहा है, वहीं अब तक इस संक्रमण से 3 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्लैक फंगस के मरीज रीवा के अलावा सतना, सीधी और सिंगरौली से इलाज के लिए रीवा के अस्पतालों में भर्ती हैं।

ब्लैक फंगस के 17 मरीजों का इलाज सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में और 5 का रीवा के संजय गांधी अस्पताल में जारी है। इन्ही मरीजों में से ब्लैक फंगस का ऐसा मरीज मिला है जिसे ना तो कोरोना संक्रमण हुआ था और ना ही उसके कभी स्टीरॉइड्स वाली दवाएं ली थी। फिर भी उसमें ब्लैक फंगस का संक्रमण मिला है। डाक्टरों की टीम मरीजों का इलाज कर रही है।