सीएम शिवराज का एलान, दूसरे राज्यों की फसल एमपी में बेचने वालों को भेजेंगे जेल

मोदी सरकार किसानों को देश भर में कहीं भी फसल बेचने की छूट देने का दावा करती है, जबकि उसके मुख्यमंत्री दूसरे राज्यों की फसल बेचने वालों को जेल भेजने की बात करते हैं, आख़िर क्या है नए कृषि क़ानूनों का सच

Updated: Dec 04, 2020, 12:47 AM IST

Photo Courtesy : oneindia
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भोपाल। देशभर में चल रहे केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा बयान दिया है। बीजेपी नेता ने कहा है कि अगर किसी ने दूसरे राज्यों में उपजी फसल को मध्य प्रदेश में बेचा या बेचने की कोशिश भी की, तो उन्हें जेल भेजा जाएगा। इतना ही नहीं, ऐसी फसलों की ढुलाई में इस्तेमाल हो रहे वाहन को भी जब्त कर लिया जाएगा। उनसे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी ऐसा ही बयान दे चुके हैं।

सीएम शिवराज ने एक कार्यक्रम के दौरान जनता को संबोधित करते हुए कहा, 'मैंने तय किया है कि जितनी पैदावार किसान की यहां होगी उतनी खरीद ली जाएगी। लेकिन अगर बाहर से कोई आया, अगल-बगल के राज्यों से बेचने या बेचने का प्रयास भी किया तो उसका ट्रक राजसात करवाकर उसे जे़ल भिजवा दिया जाएगा।'

अब सवाल यह उठता है कि बीजेपी शासित केंद्र की मोदी सरकार नए कृषि कानूनों को लेकर लगातार यह दावा कर रही है कि इस कानून से एक देश एक बाजार होगा। यानी कि देश के किसान अपनी फसलों को देश के किसी भी कोने में बेचने के लिए आजाद होंगे। वहीं उसी पार्टी के सीएम कहते हैं यहां सिर्फ मध्य प्रदेश के आनाज बेचे जाएंगे जो एक दूसरे के विरोधाभासी हैं।

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बता दें कि इसके पहले हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने भी कहा था कि दूसरे प्रदेश में उपजे अनाज को हरियाणा में बेचने नहीं दिया जाएगा। खट्टर के इस बयान पर भी सवाल उठे थे कि जब प्रधानमंत्री मोदी अपने भाषणों में बार-बार कह चुके हैं कि उनकी सरकार ने कृषि कानूनों में ऐसे क्रांतिकारी बदलाव किए हैं, जिससे किसान देश के किसी भी कोने में अपनी फसल बेचने की छूट मिल गई है, तो भला उनके मुख्यमंत्री ऐसे उल्टे बयान क्यों दे रहे हैं? राज्यों में बीजेपी के मुख्यमंत्रियों के ऐसे बयानों से किसानों के बीच असमंजस की हालत पैदा हो रही है।