नकली शराब पर चौतरफा घिरी सरकार, मौतों के बाद गृह मंत्री ने कहा, कड़ा कानून बनाएंगे

प्रदेश में एक के बाद एक जहरीली शराब से लोगों के मरने की खबरें आ रही हैं, मंदसौर में आबकारी मंत्री के क्षेत्र में नकली शराब से हुई मौतों के बाद अब इंदौर, खरगोन और खंडवा में भी मौत होने की खबरें आई हैं

Updated: Jul 28, 2021, 02:28 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में नकली शराब से होने वाली मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक जहरीली शराब से लोगों के मरने के सिलसिला जारी है। इस मसले पर कांग्रेस पार्टी ने शिवराज सरकार पर चौतरफा हमला बोल दिया है। विपक्ष की ओर से चौतरफा हमले के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि आने वाले समय में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए शिवराज सरकार कड़ा कानून लेकर आएगी। 

कमल नाथ सरकार में मंत्री रहे जीतू पटवारी ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर जहरीली शराब मामले में शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला। जीतू पटवारी ने कहा कि शिवराज सरकार का अब नकली शब्द से गहरा संबंध हो गया है। उज्जैन से शुरू हुआ नकली शराब से लोगों के मरने का सिलसिला अब मंदसौर होते हुए खंडवा, खरगोन और अब इंदौर पहुंच गया है। 

जीतू पटवारी ने कहा कि यह सभी मौतें सरकार की लापरवाही का नतीजा है। जीतू पटवारी ने जहरीली शराब मामले में शिवराज सरकार द्वारा गठित एसआईटी पर भी सवाल उठाए। पटवारी ने कहा कि उज्जैन में शराब कांड के बाद जांच कमेटी बनाई गई जिसकी जिम्मेदारी राजेश राजौरा(अपर सचिव,गृह विभाग) को सौंपी गई। इसके बाद मुरैना में जब लोगों की मौत हुई तब भी राजेश राजौरा को जांच की ज़िम्मेदारी दी गई। लेकिन इन कमेटियों का क्या हुआ? इसका कुछ अता पता नहीं है। 

जीतू पटवारी ने प्रदेश में शिवराज सरकार के आने के बाद जहरीली शराब से हुई मौतों के बारे में बताते हुए कहा कि मंदसौर में अब तक शराब से 11 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन औपचारिक तौर पर 6 या सात लोगों की मौत ही दर्ज की गई है। जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कहते थे कि माफियाओं को दस हाथ गहरे गड्ढे में गाड़ दूंगा, वो गड्ढा आज कहां है? पटवारी ने कहा कि आज मध्य प्रदेश माफियाओं के पनाह की जगह में तब्दील हो चुकी है। 

आबकारी मंत्री को देना चाहिए इस्तीफा : दिग्विजय सिंह 

नकली शराब से प्रदेश में हो रही मौतों पर राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी शिवराज सरकार की जमकर आलोचना की है। कांग्रेस नेता ने शिवराज सरकार में आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा के इस्तीफे की मांग की है।

कांग्रेस नेता ने शराब से हो रही मौतों पर आक्रोश जाहिर करते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश में अवैध शराब का बहुत बड़े पैमाने पर धंधा चला हुआ है। जनवरी २०२१ में नूराबाद थाना मुरैना में २६ लोगों की जान गई। अब स्वयं भाजपा सरकार के आबकारी मंत्री के मल्हारगढ़ निर्वाचन क्षेत्र पीपल्या मंडी थाना क्षेत्र ज़िला मंदसौर में ११ लोगों की मौत के समाचार हैं। 

दिग्विजय सिंह ने कहा कि अवैध शराब का धंधा पुलिस व आबकारी विभाग के संरक्षण में चलता है और करोड़ों की रिश्वत प्रति माह वसूली जाती है। क्या आबकारी मंत्री जी को अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहे अवैध शराब के धंधे की जानकारी नहीं थी? क्या यह संभव है? क्या मंत्री जी को इस्तीफ़ा नहीं देना चाहिए? 

कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री शिवराज पर हमला बोलते हुए कहा कि हर काले धंधे में भाजपा के नेतागण शामिल हैं। दिग्विजय सिंह ने सीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि जैसा मैंने कहा था, एक और ज़हरीली शराब का प्रकरण खरगोन खण्डवा ज़िलों में सामने आया। मामू की सरकार में मामू के हर काले धंधे में वे व भाजपा के नेतागण शामिल हैं। हर प्रकरण के बाद जाँच के आदेश होते हैं लेकिन सज़ा किसी को नहीं मिलती।क्योंकि जाँच करने वालों का भी तो हिस्सा होता है।समझे!

वहीं पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव ने भी शिवराज सरकार पर हमला बोला है। अरुण यादव ने कहा है कि शिवराज सरकार में जहरीली शराब का धंधा फलफूल रहा है। अरुण यादव ने कहा है कि जहरीली शराब बेचने वालों को माफियाओं का संरक्षण प्राप्त है। अब खरगोन के सनावद में दो व्यक्तियों जबकि खंडवा जिले में एक व्यक्ति की जहरीली शराब पीने के कारण मौत हो गई है। 

जहरीली शराब से हो रही मौतों पर चौतरफा घिरने के बाद शिवराज सरकार में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि माफियाओं को किसी भी सूरत ए हाल में राज्य सरकार नहीं बख्शेगी। मिश्रा ने कहा कि सभी दोषियों के ठिकानों को नेस्तनाबूत किया जा रहा है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश सरकार भी उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर कठोर कानून बनाने की तैयारी कर रही है। 

मध्य प्रदेश में एक के बाद एक जहरीली शराब से मरने वाले लोगों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा के क्षेत्र में जहरीली शराब से लोगों का मरना जारी है। औपचारिक तौर पर अब तक मंदसौर में सात लोगों की मौत हो चुकी है। ज़िले के पिपलिया मंडी थाना क्षेत्र में शनिवार रविवार की दरमियानी रात जहरीली शराब के कारण तीन लोगों की मौत हो गई थी। तभी से मरने वाले लोगों के आंकड़े में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। 

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जहरीली शराब का मामला बढ़ने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने तीन सदस्यीय एसआईटी गठित कर दी है। कार्रवाई के नाम पर जिला आबकारी अधिकारी सीपी सांवले का तबादला उज्जैन फ्लाइंग स्क्वाड में कर दिया गया है। वहीं आबकारी विभाग के निरीक्षक नरेंद्र डामोर को भी निलंबित कर दिया गया है। 

हालांकि जहरीली शराब से मरने वाले लोगों का सिलसिला केवल मंदसौर तक ही सीमित नहीं है। खरगोन में दो जबकि खंडवा में एक व्यक्ति की जहरीली शराब के कारण मौत हो चुकी है। वहीं इंदौर में भी पिछले तीन दिनों में चार युवकों की जहरीली शराब पीने के कारण मौत होने की खबर है। हालांकि इन मृतकों की मौत को लेकर ज़हरीली शराब की पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस अभी इस मामले में जांच कर रही है। इस समय एक युवक को वेंटीलेटर पर रखा गया है, उसकी हालत भी नाजुक बताई जा रही है।