शिवराज सरकार के दौरान पनपा भ्रष्टाचार... रेत माफिया द्वारा पटवारी की हत्या पर बोले कमलनाथ
यह पहला मौका नहीं है जब मध्य प्रदेश में रेत माफिया ने इस तरह से किसी सरकारी व्यक्ति को कुचल कर मार दिया हो। शिवराज सरकार के दौरान पनपा भ्रष्टाचार और घोटालों के कारण यह स्थिति बनी है: कमलनाथ

भोपाल। मध्य प्रदेश में रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। प्रदेश के शहडोल जिले में रेत माफिया बेखौफ तरीके से धड़ल्ले के साथ रेत उत्खनन कर रहे है। उन्हें न तो पुलिस का खौफ है और न ही किसी प्रकार का डर। स्थिति या अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रेत माफियाओं ने अवैध उत्खनन को रोकने गए पटवारी को रेत से भरे ट्रैक्टर से कुचलकर मार डाला। इस घटना को लेकर पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने आक्रोश व्यक्त किया है।
पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'शहडोल में रेत माफिया द्वारा अवैध खनन रोकने गए पटवारी प्रसन्न सिंह को ट्रैक्टर से कुचलकर मार देने की जघन्य वारदात सामने आई है। यह पहला मौका नहीं है जब मध्य प्रदेश में रेत माफिया ने इस तरह से किसी सरकारी व्यक्ति को कुचल कर मार दिया हो। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के दौरान पनपा भ्रष्टाचार और घोटालों के कारण यह स्थिति बनी है।'
शहडोल में रेत माफिया द्वारा अवैध खनन रोकने गए पटवारी श्री प्रसन्न सिंह को ट्रैक्टर से कुचलकर मार देने की जघन्य वारदात सामने आई है। यह पहला मौका नहीं है जब मध्य प्रदेश में रेत माफिया ने इस तरह से किसी सरकारी व्यक्ति को कुचल कर मार दिया हो। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के दौरान…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 26, 2023
कमलनाथ ने आगे लिखा, 'मैं दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं। ईश्वर उनके परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करे। मैं प्रशासन से मांग करता हूं कि दिवंगत पटवारी के परिवार को समुचित आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। ओम शांति।'
बता दें कि शहर की सीमा पर स्थित बाणसागर थाने के ग्राम गोपालपुर में सोन नदी के किनारे रेत का अवैध उत्खनन हो रहा था। इसे रोकने के लिए ब्यौहारी ब्लॉक के खड्डा सर्कल के पटवारी सहित चार पटवारी शनिवार रात मौके पर पहुंचे थे। सभी ने उत्खनन कर रेत ले जा रहे ट्रैक्टर को रोकने का प्रयास किया। ट्रैक्टर चालक पटवारी प्रसन्न सिंह बघेल को कुचलने के बाद अपना वाहन लेकर मौके से फरार हो गया। इस घटना के बाद शिवराज सरकार द्वारा माफियाओं पर अंकुश लगाने के दावों की एक बार फिर से पोल खुल गई है।