मध्य प्रदेश में भी दिखेगा चक्रवाती तूफ़ान निवार का असर, पूर्वी इलाक़ों में बारिश के आसार

बेहद शक्तिशाली तूफ़ान निवार आज दक्षिण भारत पहुंचने वाला है, उसका असर मध्य प्रदेश के जबलपुर संभाग में तेज़ हवाओं और बारिश के रूप में देखने को मिल सकता है

Updated: Nov 25, 2020, 04:58 PM IST

Photo Courtesy: Nai Dunia
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भोपाल। दक्षिण भारत में आज पहुंचने वाले बेहद शक्तिशाली चक्रवाती तूफान 'निवार' का कुछ असर मध्य प्रदेश के मौसम में भी देखने को मिल सकता है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इसके असर से मध्य प्रदेश के पूर्वी इलाके, खास तौर पर जबलपुर संभाग में आज और कल भारी बरसात हो सकती है। राजधानी भोपाल में भी बादल छाए रहने के आसार हैं।

मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि मध्य प्रदेश के कई इलाकों में बादल छाए रहने की वजह से तापमान कुछ बढ़ सकता है, जिससे सर्दी में मामूली कमी आने की उम्मीद है। हालांकि 28 नवबंर के बाद एक बार फिर कड़ाके ठंड का दौर फिर शुरू होने के आसार भी हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक पीके साहा ने बताया कि निवार तूफान के बुधवार को तमिलनाडु के तट से टकराने का असर छत्तीसगढ़ के अलावा पूर्वी मध्य प्रदेश में बुधवार से ही दिखने लगेगा। बादल छाएंगे और बारिश भी होगी।

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मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि चक्रवात के प्रभाव से हवा का रुख अभी से बदलने लगा है। पूर्वी हवा चलने से वातावरण में नमी बढ़ने लगी है। इससे बुधवार को राजधानी सहित अनेक स्थानों पर शाम के समय बादल छाने की संभावना है। इससे रात के तापमान में दो से तीन डिग्री की बढ़ोतरी होने की संभावना है। उधर एक पश्चिमी विक्षोभ भी उत्तर भारत की तरफ बढ़ रहा है। इसके असर से भी वातावरण में नमी बढ़ेगी। इससे ठंड से फिलहाल राहत मिलेगी। 28 नवंबर को पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत से आगे बढ़ने के बाद एक बार फिर हवाओं का रुख बदलकर उत्तरी होने लगेगा। उत्तर भारत से आने वाली सर्द हवाओं के कारण एक बार फिर प्रदेश में ठिठुरन बढ़ने लगेगी।

आपको बता दें कि चक्रवाती तूफान निवार से दक्षिण भारत के कई इलाकों में भारी नुकसान होने की आशंका जाहिर की जा रही है। मौसम विभाग का अनुमान है कि तमिलनाडु के तट पर पहुंचते समय इसकी रफ्तार 150 किलोमीटर के आसपास हो सकती है। इतना ही नहीं, अगले कुछ घंटों तक इसके और शक्तिशाली होने के भी आसार हैं। केंद्र और राज्य की सरकारें इस खतरे से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर रही हैं। NDRF की टीमों को सभी खतरे वाली जगहों पर राहत और बचाव के लिए तैनात किया जा चुका है। लोगों से सावधानी बरतने और समुद्री किनारे से दूर रहने को कहा गया है।