Digvijaya Singh: नकली दूध के विरुद्ध युद्ध शुरू करेंगे दिग्विजय सिंह

Shudh Ke Liye Yudh: राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा दूध और मावे में मिलावट करने वालों की जानकारी दें, ऐसे लोगों के पकड़वाएंगे

Updated: Sep 05, 2020, 10:35 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने मिलावट के ख़िलाफ अभियान शुद्ध के लिए युद्ध शुरू किया गया था। इस अभियान के दौरान मिलावटी दूध और मावे के विरुद्ध अभियान छेड़ते हुए रासुका के तहत कार्रवाइयां की गई थीं। सरकार जाने के बाद यह अभियान बंद हो गया। अब राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मिलावटी दूध और मावे के विरुद्ध बिगुल फूंक दिया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें मिलावट करने वालों की जानकारी दें वे ऐसे लोगों के पकड़वाएंगे।

सीहोर यात्रा के बाद वहां के अनुभव बताते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया कि कल की मेरी भोपाल व सीहोर जिले की यात्रा का एक और अनुभव। कमलनाथ सरकार ने जो “शुद्ध के लिए युद्ध” प्रारंभ किया था उसके कारण नक़ली मावा व नक़ली दूध बनना बंद हो गया था और असली दूध बेचने वाले किसानों का दूध लगभग 8 रुपए प्रति लिटर महंगा बिकने लगा था। लेकिन मामा का राज आते ही नक़ली मावा और नक़ली दूध फिर बिकने लगा। इसका नतीजा यह हुआ कि असली किसान का असली दूध फिर 8 रुपए प्रति लीटर कम दाम में बिकने लगा। अब बताओ किसानों का सही हितैषी कमलनाथ है या फर्जी कंस मामा है? अब समय आ गया है मामा भगाओ भाजपा भगाओ कमलनाथ लाओ कांग्रेस लाओ। 

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया कि असली दूध और असली मावा बेंचने वालों को संगठित हो कर इन नकली दूध और नकली मावा बेचने वालों को पकड़वाना पड़ेगा। मैं उन्हें पकड़वाने की ज़िम्मेदारी लेता हूँ। मुझे ऐसे सभी लोगों की गुप्त जानकारी दें। सत्य मेव जयते सत्य की हमेशा विजय होती है। 

मुरैना, उज्जैन में पकड़ी गईं थी फेक्ट्रियां

मध्य प्रदेश में मिलावटी दूध का कारोबार जमकर होता है। यहां का दूध उत्‍तर प्रदेश, राजस्‍थान, महाराष्‍ट्र, दिल्‍ली, हरियाणा तक भेजा जा रहा है। किसी भी उद्योग के लिए यह अच्छी बात होती है कि उसका माल दूर दूर तक जा रहा है मगर दूध के मामले में यह कलंक था क्योंकि एमपी से मिलावटी दूध का कारोबार हो रहा था। मुरैना मप्र का सबसे बड़ा दूध उत्‍पादक जिला है। मध्‍य प्रदेश के तत्कालीन मुख्‍य सचिव एसआर मोहंती बैठक में कहा था कि मुरैना में जितने पशु नहीं हैं उससे अधिक दूध उत्‍पादन हो रहा है। यानी यह अधिक दूध उत्‍पादन मालटोज-ग्लूकोज, डालडा, रिफाइण्ड, आरएम केमिकल, कास्टिक सोड़ा, क्लोरोफार्म आदि मिला कर किया जा रहा था। इसका खुलासा 1 अगस्‍त 2019 को मुरैना भिंड में हुई एसटीएफ की कार्यवाही में हुआ था। सिंथेटिक दूध एवं मावा पनीर निर्माताओं तथा केमिकल विक्रेताओं के यहां निरंतर हो रही कार्यवाही के दौरान दो करोड़ रूपये से अधिक के पाउडर, केमिकल, ऑयल आदि को प्रशासन द्वारा सीज किया गया। इस कार्रवाई के बाद चार डेयरी संचालकों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल भेज गया था। उज्जैन में भी नकली घी बनाने की फेक्ट्री पकड़ी गई थी। कमल नाथ सरकार जाते ही यह अभियान बंद हो गया है।