MP By Poll: टीम दिग्विजय ने की ज्योतिरादित्य सिंधिया की घेराबंदी

Digvijaya singh: ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया बनाम दिग्विजय सिंह हुआ चुनावी माहौल, दिग्विजय सिंह ने मोर्चा संभाला

Updated: Aug 31, 2020, 05:27 AM IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश के 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश में राजनीतिक हलचलें तेज हो गई है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों का चुनाव प्रचार अभियान अपने चरम पर है। प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस की वापसी या बीजेपी के बने रहने के लिए ग्वालियर-चंबल क्षेत्र का उपचुनाव अहम है क्योंकि इस संभाग की ही सबसे ज्यादा 16 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। ऐसे में दोनों पार्टियां इस क्षेत्र में अपने-अपने स्तर से वोटर्स को लुभाने की कवायद में हैं।

ग्वालियर-चंबल संभाग कांग्रेस से बागी होकर बीजेपी में गए राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए नाक का सवाल है। राजमाता सिंधिया से लेकर माधव राव सिंधिया ने अपनी राजनीतिक जमीन यहीं तैयार की हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में सिंधिया के प्रभाव को कम करना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है। बीते कुछ समय से ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी इस राजनीतिक विरासत को अक्षुण्य नहीं रख पाएं हैं। वे खुद तो लोक सभा चुनाव हारे ही, बीते दिनों उनके ग्वालियर आने पर पहली बार सिंधिया के ख़िलाफ़ जनता ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया। पहली बार सिंधिया ग़द्दार है के नारे लगे। यही वजह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपना गढ़ बचाने के लिए हर सम्भव मेहनत कर रहे हैं। 

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दूसरी तरफ, ग्वालियर-चंबल संभाग में सिंधिया के अभेद राजनीतिक किले को ढहाने के लिए दिग्विजय सिंह ने अपने विश्वस्त नेताओं की फौज उतार दी है। दिग्विजय सिंह की टीम के सबसे ताकतवर सदस्य पूर्व मंत्री गोविंद सिंह के साथ अन्य नेता इलाके में खासे सक्रिय हो गए हैं। साथ ही दिग्विजय सिंह ने अपने बेटे व पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह को भी खुद को टाइगर कहने वाले सिंधिया से लोहा लेने के लिए चुनावी मैदान में भेज दिया है विधायक जयवर्धन के साथ पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, सज्जन सिंह वर्मा जैसे नेता भी लगातार जनसभाएं कर रहे हैं।विधानसभा चुनाव में शिवराज सरकार के विरोध में मोर्चा खोल देने वाले कंप्यूटर बाबा भी जनता के बीच हैं। 

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इतना ही नहीं सिंधिया के विरोध में दिग्विजय खुद भी मुखर हो गए हैं। उन्होंने क्षेत्र का दौरा करने के साथ ही सोशल मीडिया पर सिंधिया के पुराने भाषणों को शेयर कर उन्हें चुनौती दी है। पिछले दिनों ऐसा हुआ कि दोनों नेता ग्वालियर में ही थे जिसके बाद राजनीतिक हल्कों में यह चर्चा तेज हो गई है कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र का चुनाव सिंधिया बनाम दिग्विजय हो गया है। मामले पर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि दिग्विजय सिंह के मैदान में आने से क्षेत्र में सिंधिया के एकछत्र राज पर कड़ा प्रहार होगा और यदि दिग्विजय सिंह ठाकुर वोटरों का रुख कांग्रेस की ओर मोड़ने में सफल हो जाते हैं तो पार्टी के लिए सत्ता में वापसी बेहद आसान हो जाएगी।

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बता दें कि ग्वालियर-चंबल संभाग में अबतक कांग्रेस पार्टी के सभी निर्णयों के केंद्र में सिंधिया परिवार होता था। यहां संगठन में स्थानीय निकाय से लेकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव के टिकट को लेकर अंतिम फैसला सिंधिया ही करते रहे हैं। अब सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद इस क्षेत्र में कांग्रेस अपनी नई ताक़त के साथ उठ खड़ी हो रही है। महल यानि सिंधिया की उपेक्षा का शिकार हुए कांग्रेस नेता अपनी पार्टी को मज़बूत बनाने में जुट गए हैं।