बालाघाट के इस गांव में प्रचार-प्रसार के लिए नेताओं की एंट्री पर रोक, आक्रोशित ग्रामीणों ने बैनर लगाकर दी चेतावनी

गांव में सड़क मार्ग पर निर्मित पुलिया हर साल बारिश के पानी में डूब जाता है, ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों से ऊंचे पुल की निर्माण करवाने की मांग की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।

Updated: Oct 08, 2023, 06:27 PM IST

बालाघाट। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब महज कुछ हफ्ते ही शेष हैं। निर्वाचन आयोग से लेकर सभी राजनीतिक दल चुनाव की तैयारियों में जोर शोर से जुटे हुए हैं। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर शत-प्रतिशत मतदान के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने का क्रम शुरू हो गया है। हालांकि, बालाघाट जिले के एक गांव से ऐसी तस्वीर सामने आई है, जहां ग्रामीणों ने बैनर लगाकर चुनाव का बहिष्कार किया है।

मामला बालाघाट के कटंगी जनपद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत अंबेझरी, खैरलांजी गांव का है। यहां ग्रामीणों ने अभी से आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करते हुए गांव में किसी भी व्यक्ति को चुनाव प्रचार के लिए आने पर रोक लगा दी है। ग्रामीणों ने इस संबंध में एक बैनर लगाए हैं जिसमें लिखा है कि किसी भी सज्जन व्यक्ति को चुनाव प्रचार के लिए आना सख्त मना है।

ग्रामीणों ने बताया कि बावनथड़ी नदी पर राजीव सागर बांध के बनने के बाद भी करीब 10 सालों से अंबेझरी से खैरलांजी के बीच सड़क मार्ग पर निर्मित पुलिया हर साल बारिश के पानी में डूब जाता है। करीब 8 महीने तक पुलिया जलमग्न रहता है। इस कारण खैरलांजी से अंबेझरी मुख्य सड़क मार्ग से आवाजाही बंद रहती है और ग्रामीणों को जंगल के कच्चे रास्ते आना-जाना करना पड़ता है। 

ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों से ऊंचे पुल की निर्माण करवाने की मांग की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। जिसके चलते ग्रामीणों ने इस बार विधानसभा चुनाव में डंके की चोट पर पुल नहीं तो वोट नहीं का ऐलान कर दिया।