मकान बेचकर कर्ज चुकाने के बाद भी सूदखोर वसूलते रहे ब्याज, तंग आकर चाय विक्रेता ने पिया जहर

जहर पीने के सात दिन बाद तड़प-तड़प कर चाय वाले की मौत हो गई। मरने के पहले उसने पुलिस को 11 लोगों के नाम बताए। पुलिस ने इसे ही आधार मानकर सभी 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

Updated: Mar 17, 2023, 10:43 AM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक चाय वाले ने जहर पीकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि उसने सूदखोरों से कर्ज ले रखा था। कर्ज चुकाने के लिए उसे घर भी बेचना पड़ा, इसके बावजूद सूदखोर उससे रुपए वसूलते रहे। इसी बात से परेशान होकर गरीब चाय वाले ने खुदकुशी कर ली।

बताया जा रहा है कि जहर पीने के सात दिन बाद तड़प-तड़प कर चाय विक्रेता की मौत हो गई। मृत्यु से पहले उसने पुलिस को 11 लोगों के नाम भी बताए हैं। पुलिस ने इसे ही आधार मानकर सभी 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। इनमें से 5 को गुरुवार को गिरफ्तार भी कर लिया है। अन्य की तलाश जारी है।

बाणगंगा थाना टीआई राजेन्द्र सोनी के मुताबिक चाय विक्रेता गणेश कुमावत की मौत के मामले में पुलिस ने गुड्डु पहलवान, नाती चौधरी, राजेश, गौरव महेश्वरी, गोलू तिवारी, आशु, गोलू जाट, नीतेश, संतोष, जीतू बाबा और भानू के खिलाफ सूदखोरी और आत्महत्या के लिये प्रेरित करने के मामले में केस दर्ज किया है।

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पुलिस के मुताबिक सभी आरोपियों से गणेश ने कुछ रुपए उधार लिये थे। उक्त उधारी के रुपये के साथ ब्याज वसूलने के लिये आए दिन घर आकर व मोबाइल फोन पर डराते व धमकाते थे। वे सभी जान से मारने की धमकी देते थे। आरोपी 10 प्रतिशत ब्याज मांगते। जिसके कारण गणेश ने जहरीली दवा पी ली थी।

गणेश की पत्नी पूजा ने बताया कि, 'आठ साल पहले गणेश सिलाई का काम करते थे। इस बीच उनका एक्सीडेंट हो गया। इससे परिवार पर आर्थिक संकट आ गया। इसके बाद गणेश ने घर-घर चाय बेचने का काम शुरू किया। घर की जरुरतों को पूरा करने के लिए गणेश ने 10 प्रतिशत पर ब्याज लिया था। उसे चुकाने के लिए दूसरे से पैसा लिया। इस तरह हम कर्ज में डूबते गए। लेकिन सूदखोर हम पर लगातार दबाव बनाकर वसूली करने आते थे। इसके चलते हमें हमारा पुश्तैनी मकान बेचना पड़ा।'

पूजा के मुताबिक वे कर्ज से उबर पाते तभी लॉकडाउन लगने हमारी हालत और ज्यादा खराब हो गई। लॉकडाउन के बाद फिर से गणेश को कर्ज लेना पड़ा और वह कर्ज के जाल में उलझते गए। पूजा के मुताबिक पुलिस ने जिन 11 सूदखोरों पर केस दर्ज किया है। वे सभी मजदूर वर्ग के लोगों को भारी भरकम ब्याज पर रुपए देते हैं। रुपए नहीं चुकाने पर डबल पैनल्टी वसूलते हैं। इतना हीं नहीं सूदखोर घर का सामान के साथ गाड़ी और ज्वेलरी तक ले जाते हैं। इनके खिलाफ लोग थाने जाने तक में डरते हैं।