गंजबासौदा पीड़ितों के साथ सिस्टम का छलावा, बैंक ने रिजेक्ट किया मुआवजे का चेक, अपमान का घूंट पीकर वापस लौटे ग्रामीण

गंजबासौदा के लाल पठार गांव में कुआं धंसने से हुई थी 11 लोगों की मौत, सीएम शिवराज ने किया था पांच लाख रुपए अनुग्रह राशि का ऐलान, सरकारी चेक पर क्रॉस लगाकर बैंक ने किया रिजेक्ट

Updated: Jul 24, 2021, 12:41 PM IST

विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में बीते हफ्ते हुए कुंआ हादसा के पीड़ितों के साथ सिस्टम का छलावा उभरकर सामने आया है। लाल पठार गांव के इस हृदयविदारक हादसे में 11 लोगों की मौत के बाद राज्य सरकार ने तत्काल पीड़ितों को 5 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया था। हालांकि, अब खबर है कि सरकारी चेक को बैंक ने रिजेक्ट कर दिया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़ित परिजन जब सरकार द्वारा दिए गए चेक को लेकर बैंक में गए तो वहां उसपर क्रॉस मार्क कर दिया गया। बैंक ने चेक को रिजेक्ट करते हुए मुआवजे की राशि देने से स्पष्ट इनकार कर दिया। इस घटना को कांग्रेस ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने इस बारे में बयान जारी कर कहा है कि, 'पीड़ितों को सरकार ने अपमानित किया है। राहत सहायता ऐसे दी जाती है? यह बेहद दुःखद है।' 

मामला तूल पकड़ने के बाद अब तर्क दिया जा रहा है की चेक पर ग्रामीणों का नाम गलत लिखा हुआ था इसलिए बैंक ने उसे रिजेक्ट किया है। बता दें कि इस हादसे में मारे गए लोगों को केंद्र की मोदी सरकार ने 2-2 लाख रुपए वहीं राज्य सरकार ने 5-5 लाख रुपए देने का ऐलान किया था। वहीं, घायलों को 50 हजार रुपए और मुफ्त इलाज देने की बात थी। हालांकि, ये सभी वादे अब हवाहवाई साबित हो रहे हैं। 

इस घटना में कुल 31 लोग कुएं में गिर गए थे। इनमें 11 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के वक़्त भी ग्रामीणों ने प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया था। ग्रामीणों के मुताबिक इस गांव में कहीं भी नलकूप या हैंडपंप की व्यवस्था नहीं है। पीने व अन्य काम के लिए लोगों को एक किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है। स्थिति यह है कि 21वीं सदी में भी यहां पेयजल का मुख्य स्रोत कुआं ही है। जो बच्चा सबसे पहले कुएं में गिरा वह भी पानी लेने ही गया था। ग्रामीणों का कहना है कि यदि गांव में पेयजल की सुविधा होती तो यह घटना नहीं होता।

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विदिशा जिले की बात करें तो देश-प्रदेश की राजनीति के कई दिग्गजों की यह कर्मभूमि रहा है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज, यहां तक कि खुद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी यह निर्वाचन क्षेत्र रहा है। इसी जिले से चुनकर इन दिग्गजों ने देश-प्रदेश में राजनीति की। लेकिन विडंबना यह है कि इसी जिले के इस गांव में हैंडपंप तक कि व्यवस्था नहीं है।