दमोह में भाजपा नेताओं की गुंडागर्दी, शिक्षा अधिकारी पर फेंकी स्याही, लगाए जय श्री राम के नारे
हिजाब मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने गंगा जमुना स्कूल को दिया था क्लीन चिट, तब से ही हिंदूवादी संगठनों के निशाने पर थे एसके मिश्रा

दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह जिले के एक बार फिर भाजपा नेताओं की गुंडागर्दी देखने को मिली है। भाजपा नेताओं के मंगलवार को जिला शिक्षा अधिकारी के मुंह पर कालिख पोत दी। बताया जा रहा है कि हिजाब मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच के बाद गंगा जमुना स्कूल को क्लीन चिट दी थी, तब से ही वे भाजपाइयों के निशाने पर थे।
मंगलवार दोपहर जब जिला शिक्षा अधिकारी अपने वाहन में बैठकर कार्यालय से निकल रहे थे तभी घात लगाए भाजपा जिला उपाध्यक्ष अमित बजाज और भाजपा नेता मोंटी रैकवार ने जिला शिक्षा पर स्याही फेंकी। घटना का वीडियो भी सामने आया है। जिसमें दिया जा सकता है कि जिला शिक्षा अधिकारी एसके मिश्रा पर स्याही फेंक दी गई। इसके बाद जय श्री राम के नारे भी लगाए गए। वीडियो में दिख रहा है कि शिक्षा अधिकारी अपनी सरकारी गाड़ी में बैठे हैं। इसी दौरान उन पर हमला हुआ।
ये सरकारी अफ़सरों के हाल हैं बेबस हैं कुछ ज़्यादा कह नहीं पा रहे बीजेपी नेताओं ने स्याही फेंकी फिर मीडिया के सामने दावा किया मगर अफ़सर कितना सच बोलें, नौकरी का सवाल है, दुखद https://t.co/BUfUvMkO4F pic.twitter.com/00r3XRymvs
— Brajesh Rajput (@brajeshabpnews) June 6, 2023
घटना को अंजाम देने के बाद भाजपा जिला उपाध्यक्ष अमित बजाज ने कहा जिला शिक्षा अधिकारी ने गंगा जमना स्कूल से पैसे लेकर मामला रफा दफा कर दिया था। यह पूरे हिंदू समाज का अपमान था इसलिए उनके मुंह पर कालिख फेंकी है। वहीं, दूसरे आरोपी मोंटी रैकवार ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी ने इस मामले को दबाने का प्रयास किया, जबकि गंगा जमुना स्कूल में क्या गतिविधियां चल रही थीं, यह सभी को मालूम था। इससे हिंदू समाज काफी आहत था और मैंने पहले ही कहा था कि जिला शिक्षा अधिकारी का मुंह काला किया जाएगा इसलिए आज उनके मुंह पर कालिख फेंकी है और अपना विरोध जताया है। उसके बाद हमलोगों ने जय श्री राम के जयकारे भी लगाए।
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घटना के बाद दमोह जिला शिक्षा अधिकारी एसके मिश्रा ने कहा कि मैं उनके नाम नहीं जानता, लेकिन वे स्थानीय लोग हैं। वे गंगा जमुना स्कूल के मुद्दे (हिजाब विवाद) के बारे में बात कर रहे थे। मुझे न तो इसकी जांच दी गई है और न ही मैंने रिपोर्ट दर्ज की है। यह मामला एक उच्च समिति को सौंपा गया है। मैंने उनमें से कुछ चेहरों को देखा है, जिनके पास कुछ बकाया बिल थे। इसलिए उन्होंने बदला लेने के लिए ऐसा किया होगा। बिल कुछ स्कूलों की मरम्मत के रखरखाव से संबंधित थे।