दमोह: शर्मसार हुई मानवता, जीते जी नहीं मिला इलाज, मरने के बाद शव वाहन के लिए तरसी महिला, ठेले पर ढोया शव

दमोह के पथरिया में कोरोना संक्रमित महिला की इलाज के अभाव में मौत, परिजन भटकते रहे, ना एंबुलेंस मिली, ना शव वाहन, ठेले पर ढोना पड़ा शव

Updated: May 02, 2021, 02:08 AM IST

Photo courtesy: mpbreaking
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दमोह। पथरिया में कोरोना संक्रमित महिला ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। महिला के परिजन उन्हें इलाज पहले तो पथरिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए थे। कलावती विश्वकर्मा की तबीयत ज्यादा बिगड़ती जा रही थी, इसलिए परिजन उन्हें दमोह ले जाना चाहते थे। लेकिन पथरिया स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टरों ने दमोह के अस्पताल में जगह नहीं होने की बात कह कर रेफर करने से इनकार कर दिया। और तो और उनका ठीक से इलाज भी नहीं किया। जिसके बाद महिला की मौत हो गई। महिला की मौत के बाद शव वाहन के लिए भी दर-दर की ठोकरें खाना पड़ा। जिसके बाद परिजनों ने हाथ ठेले पर रखकर शव को घर तक पहुंचाया।

परिजन की मानें तो उन्होंने एक प्राइवेट शव वाहन से शव को घर तक ले जाने की बात भी की थी। वह निजी शव वाहन 5 हजार रुपए मांग रहा था। पथरिया के इस गरीब परिवार के पास पैसे नहीं थे, शव वाहन वाला पैसे कम करने को तैयार नहीं था। मिन्नतों के बाद भी जब बात नहीं बनी तो उन्होंने ठेले पर शव रखकर ही घर तक का सफर तय किया।

परिजनों का कहना है कि कलावती की तबीयत दो दिनों से तबीयत खराब चल रही थी। डॉक्टर को दिखाया लेकिन सही वक्त पर इलाज नहीं हो सका और महिला ने दम तोड़ दिया। कलावती के परिजनों का आरोप है कि अगर सही समय प पर इलाज हो जाता तो उन्हें बचाया जा सकता था। लेकिन डॉक्टरों की अनदेखी की वजह से उनकी मौत हो गई।