MP By Poll 2020: डबरा में इमारती देवी का दूसरी बार समधी से मुकाबला, इस बार पार्टी बदली

Dabra By Election: डबरा में दिलचस्प हुआ चुनावी मुकाबला, समधी व समधन दूसरी बार मैदान में, इस बार दोनों की पार्टियां बदली

Updated: Sep 23, 2020, 12:03 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में उपचुनाव की बिसात बिछ चुकी है। बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे को पटखनी देने के लिए अपनी अपनी तैयारी में जुटी है। शतरंज के खेल की तरह राजनीति में भी सामने वाले की चाल देखकर गोटियां चली जाती हैं। बीजेपी और कांग्रेस अपनी अपनी जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।

जीत के लिए प्रत्याशी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ अपने दोस्तों और रिश्तेदारों की भी मदद ले रहे हैं। लेकिन ग्वालियर के डबरा विधानसभा सीट में हालात जरा अगल हैं। यहां दो रिश्तेदारों के बीच मुकाबला होने जा रहा है। अब मतदाताओं में उलझन है कांग्रेस में समधी तो बीजेपी में समधन हैं, आखिर किसे वोट देकर विजयश्री दिलाई जाए।

इमरती देवी ने समधी सुरेश राजे को 32 हजार वोट से हराया था

डबरा सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है, यहां एक बार फिर समधी-समधन आमने-सामने चुनावी मुकाबले में हैं। कांग्रेस ने सुरेश राजे को टिकट दिया है। जो कि कमल के निशान से पहली बार चुनाव लड़ने वाली इमरती देवी को टक्कर देंगे। वैसे समधी औऱ समधन के बीच यह पहला मुकाबला नहीं है, इससे पहले साल 2013 में भी दोनों चुनावी मैदान में मुकाबला कर चुके हैं।

दरअसल सुरेश राजे 2013 में अपनी समधन इमरती देवी के खिलाफ बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। तब सुरेश राजे बीजेपी प्रत्याशी थे और इमरती देवी कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में थीं। तब समधी याने सुरेश राजे के 32 हजार वोट से हार का स्वाद चखना पड़ा था।

इमरती देवी के कहने पर ही बीजेपी छोड़ सुरेश राजे कांग्रेस में आए

पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान 2018 में इमरतीदेवी ने अपने समधी सुरेश राजे को कांग्रेस ज्वाइन करवाई थी। दरअसल इमरती देवी की भतीजी की शादी सतीश राजे के भाई हरवंत राजे के बेटे मनोज राजे से हुई है। इसलिए वह उनकी समधन लगती हैं।  लेकिन राजनीति में इमरती देवी अपना अलग दमखम रखती हैं। वहीं सुरेश राजे भी डबरा की जनता को विश्वास दिलाने में जुटे हैं कि वे जनता के भरोसे पर खरे उतरेंगे।

इस बार उनके दल बदलने से चुनाव चिन्ह बदल गये हैं। पंजे के लिए सुरेश राजे वोट मांग रहे हैं तो इमरती देवी कमल के फूल के लिए समर्थन जुटाने में लगी हैं। वैसे टिकट घोषित मिलते ही सुरेश राजे कोरोना संक्रमित हो गए हैं। और फिलहाल अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं।

दरअसल बीजेपी में आई इमरती के सामने कई चुनौतियां हैं, जनता सवाल पूछेगी की अच्छी भली चलती सरकार को गिराया। अपने फायदे के लिए पार्टी बदल ली। आज तक जिस पार्टी को पानी-पी पीकर कोसते रहे अब उनकी खूबियों का बखान जनता बर्दाश्त कर पाती है या नहीं ये देखने वाली बात होगी। साल 2008 से डबरा में लगातार जीत दर्ज करने वाली इमरती को जीत का स्वाद चखने को मिलता है उनके समधी बाजी मारेंगे। 2008 में इमरती देवी 10 हज़ार वोट से जीतीं थी। 2013 में 32 हज़ार से विजयश्री मिली थी, वहीं साल 2018 के विधानसभा चुनाव में 57 हज़ार वोटों से इमरती देवी जीती थीं। 12 साल में उनके वोटों की अंतर बढ़ता ही रहा है।