इंदौर: रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते रंगे हाथों पकड़ी गई नर्स, नर्स के साथ दो अन्य आरोपियों को भी पुलिस ने किया गिरफ्तार

पुलिस का कहना है कि गिरफ्त में आए लोगों का बड़ा गिरोह गिरोह हो सकता है, पुलिस गिरफ्त में आए सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है

Updated: Apr 19, 2021, 04:03 AM IST

Photo Courtesy: Dainik Bhaskar
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इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में एक नर्स को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए पकड़ा गया है। कविता नामक यह नर्स इंदौर के बारोड़ अस्पताल में नर्स है। कविता के साथ साथ पुलिस ने दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी जेडेक्स में काम करते हैं। 

कविता 70 हज़ार में रेमडेसिविर के दो इंजेक्शन बेच रही थी। यानी एक इंजेक्शन को वो 35 हज़ार रुपए में बेच रही थी। पुलिस को इंजेक्शन के कालाबाजारी की जानकारी एक अन्य आरोपी नीलेश चौहान की गिरफ्तारी के बाद मिली थी। 

रविवार को राजेंद्र नगर थाने की टीआई अमृता सोलंकी ने अपनी पहचान छिपाकर इंजेक्शन खरीदने के लिए कविता को फोन लगाया। कविता और पुलिसकर्मी के बीच एक इंजेक्शन के लिए 35 हज़ार के भुगतान पर सहमति बनी। इसके बाद पुलिसकर्मी को कविता ने बारोड़ अस्पताल बुलाया। पुलिस वहां पहुंची और कविता को गिरफ्तार कर लिया गया। कविता के साथ साथ पुलिस ने जेडेक्स कंपनी में काम करने वाले दो अन्य आरोपियों शुभम और उसके भाई भूपेंद्र को भी गिरफ्तार किया है। 

पुलिस अब गिरफ्त में आए आरोपियों से पूछताछ कर रही है। पुलिस को आरोपियों के मोबाइल खंगालने पर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले बड़े गिरोह का सुराग मिला है। वहीं आरोपियों ने किसी तरह की कालाबाजारी से इनकार किया है। आरोपियों का कहना है कि उन्होंने अपने परिजनों के लिए कुल 20 इंजेक्शन खरीदे थे। जिसके बाद दो इंजेक्शन बच जाने की वजह से उन्होंने इंजेक्शन बेचने की सोची थी।