MP बीजेपी में खुलकर सामने आई अंतर्कलह, प्रदेश कार्यसमिति की बैठक से सिंधिया ने बनाई दूरी

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद अब मध्य प्रदेश पर भाजपा की फोकस, भोपाल में बीजेपी कार्यसमिति की एकदिवसीय बैठक शुरू, वीडी शर्मा बोले- हम कर्नाटक पर चर्चा ही नहीं करेंगे

Updated: May 19, 2023, 02:43 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश बीजेपी में घमासान और  अंतर्कलह एक बार फिर खुलकर सामने आई है। भाजपा ने आज राजधानी भोपाल में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक बुलाई है। विधानसभा चुनाव को लेकर इस बैठक को अहम बताया जा रहा है। हालांकि, सीएम चौहान से नाराजगी के बीच केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कार्यसमिति की बैठक से दूरी बना ली है।

दरअसल, कर्नाटक में मिली करारी हार के बाद अब भाजपा का फोकस मध्य प्रदेश पर है। सत्ताधारी दल यहां किसी भी कीमत पर सत्ता खोना नहीं चाहती। सीएम शिवराज मतदाताओं को लुभाने के लिए तमाम हथकंडे अपना रहे हैं। बावजूद संगठन के सर्वे रिपोर्ट में भाजपा की स्थिति खराब बताई गई है। ऐसे में अब पार्टी ने प्रचार-प्रसार के तौर तरीकों में बदलाव का निर्णय लिया है। इसी संबंध में शुक्रवार को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई है।

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बैठक शुरू होने के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार के 9 साल की उपलब्धियों और आगामी कार्य योजना को लेकर चर्चा की जाएगी। यानी भाजपा यहां राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों के बजाए मोदी सरकार के नाम पर वोट मांगने की तैयारी में है। वहीं, कर्नाटक में मिली हार को लेकर शर्मा ने कहा कि हम कर्नाटक पर चर्चा ही नहीं करेंगे, हम सिर्फ अपने मध्य प्रदेश को लेकर चर्चा करेंगे।

इस दौरान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि, 'नरेंद्र मोदी ही भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं और पूरे देश में उन्हीं के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाता है। उन्होंने बताया कि इस बैठक में विभिन्न विषयों को लेकर रणनीति बनेगी। मोदी सरकार के 9 साल पूरे हुए हैं, उसके लिए विशेष कैंपेन चलाया जाएगा। इसकी 
तैयारियों को लेकर भी बातचीत होगी।'

बहरहाल, कार्यसमिति की बैठक से ज्योतिरादित्य सिंधिया के नदारद रहने की चर्चा पूरे प्रदेश में है। माना जा रहा है कि सिंधिया भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल, इस बार के विधानसभा चुनाव में अधिकांश सिंधिया समर्थक विधायकों की टिकट पर तलवार लटकी हुई है। सिंधिया अपने ज्यादा से ज्यादा समर्थकों को टिकट दिलाना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने दबाव की राजनीति शुरू कर दी है। बीजेपी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि सिंधिया ने टिकट के लिए हाईकमान को 53 लोगों का नाम दिया है। जानकार बता रहे हैं कि इसमें एक चौथाई लोगों को टिकट मिल जाए वही बड़ी बात होगी।