Kamal Nath: मुख्यमंत्री शिवराज का दोहरा चरित्र, कोरोना को अपनी सुविधा के हिसाब से करते हैं परिभाषित

कमल नाथ ने कहा है कि जब तक प्रदेश में कोरोना संक्रमण खत्म नहीं हो जाता तब तक कोविड केयर सेंटर को बंद न करे राज्य सरकार

Updated: Jan 05, 2021, 02:26 PM IST

Photo Courtesy : The Quint
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भोपाल। प्रदेश में कोविड केयर केंद्रों को बंद करने के राज्य सरकार के फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आलोचना की है। कमल नाथ ने शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोलते हुए कहा है कि शिवराज सिंह चौहान कोरोना को अपनी सुविधा अनुसार परिभाषित करते हैं। कमल नाथ ने कहा है कि मध्यप्रदेश की जनता शिवराज के दोहरे चरित्र को अपनी खुली आँखों से बखूबी देख रही है। 

कमल नाथ ने शिवराज पर हमला बोलते हुए कहा है कि 'जब आपको प्रदेश में उप चुनाव करवाना हो, अपनी पार्टी के कार्यक्रम, रैलियाँ, सभाएँ ,कार्यालय उद्घाटन करवाना हो, शराब की दुकानें खुलवाना हो, कोरोना वारियर्स को नौकरी से निकालना हो,कोविड केयर सेंटर बंद करना हो तब कोरोना पूरी तरह से नियंत्रण में आ जाता है। लेकिन जब जनहित के मुद्दों से बचना हो, विधानसभा का सत्र स्थगित करना हो, विपक्ष के कार्यक्रम रोकना हो, नगरीय निकाय के चुनाव को स्थगित करवाना हो, प्रदेश में धार्मिक आयोजन, शादियाँ या अन्य आयोजन रोकना हो तो यही कोरोना डरोना व भयावह हो जाता है।

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कोविड केयर केंद्र बंद किया जाना अविवेकपूर्ण निर्णय है : कमल नाथ 

पीसीसी चीफ कमल नाथ ने शिवराज पर निशाना साधते हुए कहा है कि ऐसे समय में जब मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण का आँकड़ा 2.5 लाख के क़रीब पहुँच चुका है,अभी तक घोषित मौतों का आँकड़ा 3641 पर पहुँच चुका है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले भी बढ़ रहे है और रोज़ मौतें भी हो रही हैं, ऐसे में  कोविड केयर सेंटर को बंद करना बेहद ही अविवेकपूर्ण निर्णय है। 

कमल नाथ ने कहा है कि 'जब तक कोरोना संक्रमण ख़त्म नहीं हो जाता है तब तक तो प्रदेश में कोविड केयर सेंटर चालू ही रहना चाहिए। यह सही है कि शिवराज जी आप और भाजपा अपनी सुविधानुसार कोरोना को कभी मामूली सर्दी-खांसी और कभी डरावना व भयावह बताते आए हैं।'

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दरअसल राज्य सरकार ने हाल ही में भोपाल को छोड़कर राज्य के सभी कोविड केयर केंद्रों को बंद करने का फरमान सुनाया है। सरकार का कहना है कि ज़्यादातर कोविड केयर केंद्रों पर मरीज़ आ ही नहीं रहे हैं, लिहाज़ा उन्हें खोले रखने का कोई औचित्य नहीं है। हालांकि अगर किसी ज़िले में कोरोना के मामले बढ़े, तो राज्य सरकार से दोबारा अनुमति लेकर कोविड केयर केंद्रों को फिर से खोला जा सकता है।  लेकिन सरकार के पास विपक्ष के इस आरोप का क्या जवाब है कि अगर कोरोना के मरीज़ इतने कम हो गए हैं कि कोविड केयर सेंटर खाली पड़े हैं तो इस महामारी को बहाना बनाकर विधानसभा सत्र क्यों स्थगित कर दिया गया? नगरीय निकाय के चुनाव क्यों टाल दिए गए?