इंदौर में कृषि कानूनों के समर्थन में बीजेपी का किसान सम्मेलन, क्या इवेंट मैनेजमेंट है आंदोलन का जवाब

किसान सम्मेलन में कैलाश विजयवर्गीय, नरोत्तम मिश्रा और धर्मेंद्र प्रधान रहेंगे मौजूद, किसानों के मुद्दे पर सियासत का आरोप विपक्ष पर लगाने वाली बीजेपी ख़ुद क्या कर रही है

Updated: Dec 16, 2020, 07:42 PM IST

Photo Courtesy: News 18.com
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इंदौर। दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के विरोध में व्यापक आंदोलन जारी है। एक तरफ जहां दिल्ली की सीमाओं पर भरी ठंड में कंपकंपाते किसान डटे हुए हैं तो वहीं बीजेपी की मध्य प्रदेश इकाई आज इंदौर में कृषि कानूनों के समर्थन में किसान सम्मेलन करने जा रही है। इस सम्मेलन में दूर-दूर से किसानों को बैलगाड़ी और  ट्रैक्टरों से लाए जाने की संभावना है।

इस बीच इंदौर के दशहरा मैदान में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन से पहले बीजेपी द्वारा किए गए इवेंट मैनेजमेंट की तस्वीर सामने आ रही है। दोपहर एक बजे से शुरू होने वाले इस सम्मेलन में बीजेपी ने किसानों के लिए खाने पीने की व्यवस्था की है। सम्मेलन से पहले कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बीजेपी की ओर से सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाने की बात कही जा रही है। 

इस समय कृषि कानूनों के खिलाफ बढ़ते विरोध को देखते हुए बीजेपी यह प्रदर्शित करना चाहती है कि मध्य प्रदेश के किसान कृषि आंदोलन के समर्थन में खड़े हैं। पिछले दिनों कृषि कानून विरोधी किसान आंदोलन में मध्य प्रदेश के किसानों के भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने की खबरें सामने आई हैं। ऐसे में बीजेपी की मध्य प्रदेश इकाई किसानों को जुटाकर यह साबित करना चाहती है कि उसके इलाके में किसान कृषि कानूनों का समर्थन कर रहे हैं। 

 इंदौर में आयोजित होना वाला यह सम्मेलन किसानों के लिए महत्वपूर्ण हो या न हो लेकिन यह सम्मेलन मध्यप्रदेश बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि इस सम्मेलन में न सिर्फ स्थानीय नेता बल्कि प्रदेश स्तर के बड़े नेताओं के भी शामिल होने की खबरें हैं। केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ-साथ बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय और शिवराज सरकार में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी इस सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं। किसान सम्मेलन की सारी तैयारी खंडवा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान, विधायक रमेश मेंदोला और प्रदेश मंत्री कविता पाटीदार की निगरानी में हो रही है। 

प्रशासन ने किस आधार पर दी सम्मेलन की अनुमति : कांग्रेस 

कोरोना महामारी के बीच बीजेपी को किसान सम्मेलन की इजाजत दिए जाने पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। दैनिक भास्कर के मुताबिक शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल और ज़िला अध्यक्ष सदाशिव यादव ने इस पूरे सम्मेलन के आयोजन पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच प्रशासन ने इतने बड़े स्तर पर आयोजन की अनुमति आखिर किस आधार पर दी है। कांग्रेस का आरोप है कि इंदौर का प्रशासन बीजेपी के एजेंट के रूप में काम कर रहा है।

बीजेपी के इस सम्मेलन के जवाब में अब कांग्रेस ने भी कृषि कानूनों के विरुद्ध आंदोलन करने का ऐलान किया है। एक सवाल यह भी उठ रहा है कि जो बीजेपी किसानों के आंदोलन को समर्थन देने पर विपक्ष को निशाना बनाती रही है और किसानों के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाती रही है वह खुद सरकार के समर्थन में किसानों को लामबंद करने की कोशिश कर रही है तो इसे क्या कहा जाए? अगर किसान आंदोलन को राजनीतिक दलों की तरफ से समर्थन दिया जाना सियासत है तो उस आंदोलन के खिलाफ बीजेपी का किसान सम्मेलन करना क्या है?