जमानत भी नहीं बचा पाएंगी, सीधी से भाजपा MLA ने खोला पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ मोर्चा

BJP ने सीधी से चार बार के विधायक केदारनाथ शुक्ला का टिकट काट कर सांसद रीति पाठक को उम्मीदवार बना दिया है। अब शुक्ला ने कहा है कि पाठक जमानत भी नहीं बचा पाएंगी।

Updated: Sep 27, 2023, 07:06 PM IST

सीधी। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा अब तक 79 उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुकी है। सोमवार को भाजपा द्वारा जारी दूसरी सूची में शामिल कई नामों का विरोध हो रहा है। उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी हुए अभी दो दिन ही हुए हैं और कई सीटों पर दावेदारों और कार्यकर्ताओं ने खुलकर बगावत शुरू कर दी है। सीधी से भाजपा के मौजूदा विधायक केदारनाथ शुक्ला ने पार्टी की घोषित प्रत्याशी के रीति पाठक खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

दरअसल, BJP ने सीधी से चार बार के विधायक केदारनाथ शुक्ला का टिकट काट कर सांसद रीति पाठक को उम्मीदवार बना दिया है। अब शुक्ला ने कहा है कि पाठक जमानत भी नहीं बचा पाएंगी।
शुक्ला ने एक बयान में कहा कि पार्टी नेतृत्व को किसी ने मिसगाइड किया है, मैंने इस बात की जांच की मांग की है, यह क्यों हुआ? किसके प्रस्ताव से हुआ। इस बात की पार्टी जांच करें, अगर पार्टी जांच करेंगी तो पार्टी को अपनी गलती का एहसास होगा।

उन्होंने कहा कि जिसे (सांसद रीति पाठक) भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया गया है, वो 10 साल से सांसद रही हैं। हमें वो बता दें जिस गांव में वह 100 रुपय खर्च की हो निर्माण कार्य में, 10 वर्षों में किसी भी कार्यकर्त्ता की मदद की हो। पार्टी के नाम पर चुनाव लड़ना अलग बात है। अभी तक वह केवल मोदी जी की लोकप्रियता की सवारी करती रही है। विधानसभा चुनाव मे दूध का दूध और पानी की पानी हो जाएगा।

भाजपा विधायक ने आगे कहा कि जिस तरीके से निर्णय लिया गया है इससे साबित होता है कि सीधी में भाजपा वॉकओवर देने की तैयारी में है। उन्होंने पार्टी के सर्वे पर भी सवाल उठाए और कहा कि किसने सर्वे किया मुझे तो इसकी जानकारी ही नहीं है क्योंकि माहौल मेरे पक्ष में है, क्षेत्र की जनता-जनार्दन मेरे साथ है।

शुक्ला का अगला कदम क्या होगा इस संबंध में उन्होंने कहा कि टिकट कटने के बाद डेढ़ हजार से अधिक कार्यकर्ता और आम लोग मुझसे मुलाकात कर चुके हैं। मैंने सभी को निर्देशित किया है कि ठंडे दिमाग से काम ले। किसी को आक्रोशित होने की जरूरत नहीं है। हम 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर अपना निर्णय सार्वजनिक करेंगे।

बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव मे केदारनाथ शुक्ल की लगभग 20 हजार वोटों से जीत हुई थी और वह चार बार से यहां से बीजेपी के विधायक हैं। उनके टिकट कटने की वजह पेशाब कांड में उनका नाम आना बताया जा रहा है। भाजपा की दूसरी सूची जारी होने के घंटा भर बाद ही सबसे पहला इस्तीफा सीधी से ही आया था। सीधी बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं प्रदेश कार्य समिति के सदस्य राजेश मिश्रा ने टिकट बंटवारे में पार्टी द्वारा नजरअंदाज किए जाने पर उन्होंने अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।