MP Civic Body Elections: मार्च-अप्रैल में होंगे निकाय चुनाव, 3 मार्च को फाइनल होगी वोटर लिस्ट

मध्य प्रदेश के निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने कहा कि अब और देर नहीं करेंगे, उन्होंने बताया कि नगर निकाय चुनाव EVM से होंगे, जबकि पंचायत चुनावों में मतपत्रों का इस्तेमाल किया जाएगा

Updated: Jan 25, 2021, 01:27 PM IST

Photo Courtesy : Amar Ujala
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भोपाल। मध्य प्रदेश के नगर निकायों व पंचायतों का चुनाव का इंतजार कर रहे लोगों के लिए बड़ी खबर आई है। चुनाव आयोग ने ऐलान किया है कि मार्च-अप्रैल में प्रदेश में नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने कहा है कि चुनाव में अब और देर नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया है कि 3 मार्च को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन होते ही चुनाव की घोषणा कर दी जाएगी।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान चुनाव आयुक्त बीपी सिंह ने मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कहा, 'प्रदेश की वोटर लिस्ट 3 मार्च को फाइनल हो जाएगी। इसी वोटर लिस्ट के आधार पर चुनाव होंगे।' उन्होंने बताया कि नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम से होंगे, वहीं पंचायत चुनाव के लिए डाक मतपत्र का इस्तेमाल किया जाएगा। 

घर बैठे भर सकेंगे नामांकन

उन्होंने आगे कहा, 'इस बार के निकाय चुनाव में पहली बार व्यवस्था की जा रही है कि उम्मीदवार घर बैठे ही ऑन लाइन नामांकन पत्र जमा कर सकेंगे। हालांकि उन्हें नामांकन पत्र की जांच के दौरान निर्वाचन कार्यालय में एक बार जाना होगा।' उन्होंने बताया कि ऑन लाइन के अलावा ऑफ लाइन नामांकन पत्र भी दाखिल किए जा सकेंगे।

कोरोना के नाम पर टाले गए थे चुनाव

बता दें कि राज्य निर्वाचन ने आयोग ने कुल 407 सीटों पर होने वाले चुनावों को कोरोना के बढ़ते मामलों का हवाला देकर फरवरी 2021 तक स्थगित कर दिया। पहले ये चुनाव दिसंबर 2020 से जनवरी 2021 तक आयोजित किए जाने थे। लेकिन अब ये चुनाव फरवरी 2021 के बाद आयोजित किए जाएंगे।

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राज्य के कुल 407 नगरीय निकायों में से 307 का कार्यकाल 24 सितंबर को ही समाप्त हो गया है। 8 नगरीय निकायों का कार्यकाल जनवरी एवं फरवरी 2021 में पूरा हो रहा है। इसके अलावा त्रि-स्तरीय पंचायतों में पंच, सरपंच, जनपद सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्यों का कार्यकाल मार्च-2020 में ही समाप्त हो चुका है। इन निकायों के साथ नवगठित 29 नगर परिषदों का निर्वाचन भी सम्पन्न कराया जाना है।

राज्य में निकाय चुनावों के टलने पर विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने अपनी हार को देखते हुए चुनाव टलवाया है। कांग्रेस ने कहा था कि पैसों और प्रशासन के दुरुपयोग के बल पर उपचुनाव जीतने वाली बीजेपी को नगरीय निकाय चुनावों में करारी हार की रिपोर्ट ने चुनाव टालने पर मजबूर कर दिया।