बारिश और ओलों ने चूर किया हज़ारों किसानों का सपना, करुण रुदन से भीगा मन और वातावरण

खेतों में फूट-फूट कर रो रहे किसान, नुकसान का सर्वे तक शुरू नहीं होने का आरोप, कई किसानों के रुदन के वीडियो वायरल

Updated: Jan 09, 2022, 01:26 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के दर्जनों जिलों में हुई ओलावृष्टि ने किसानों का सपना चकनाचूर कर दिया है। जिस फसल की जुताई, बुवाई में उन्होंने अपनी जमा पूंजी खर्च कर दी, जिसे अपने मेहनत के पसीने से सींचकर बड़ा किया वह कुछ ही देर में आसमान से बरसे ओलों की भेंट चढ़ गई। सरकारी मदद को लेकर पूर्व के अनुभव भी ऐसे हैं कि अपनी किस्मत पर रोने के सिवाय किसानों के पास कोई विकल्प नहीं बचता।

रविवार सुबह प्राकृतिक आपदा का आघात मध्य प्रदेश के छतरपुर और निवाड़ी जिलों के किसानों पर हुआ। यहां सुबह करीब आधे घंटे तक ओलावृष्टि हुई जिससे सैंकड़ों गांवों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई। खेत बर्फ के चादर से ढंक गए और खड़ी फसल गिर गई। ओलावृष्टि रुकने के बाद किसान जब खेतों में पहुंचे तो बर्फबारी का मंजर देख अपने किस्मत पर रुदन करने लगे। निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर विधानसभा की एक महिला किसान का वीडियो सामने आया है जिसमें वह बिलख-बिलखकर रो रही हैं।

जानकारी के मुताबिक किसान मक्खन देवी पत्नी शंकर निवासी खेत में जब गईं तो उनका सारा फसल बर्बाद हो चुका था। टीकमगढ़ जिले से भी एक किसान का रुदन करते वीडियो सामने आया है। जिसमें युवा किसान खेत की मेड़ पर सर पकड़कर विलाप कर रहा है। रोते-बिलखते इन किसानों का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

बता दें कि मध्य प्रदेश के दर्जनों जिलों ने ओलावृष्टि ने किसानों का कमर तोड़ दिया है। गुना, राजगढ़, ग्वालियर, नरसिंहपुर, उज्जैन, देवास, सागर, छत्तरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मंदसौर समेत अन्य जिलों में भयंकर ओलावृष्टि हुई है। गुना राजगढ़ में तो चार दिनों से ओलावृष्टि हो रहे हैं। सरकार का दावा है कि किसानों को हुई नुकसान की भरपाई के लिए सर्वे किए जा रहे हैं।

यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश के कई जिलों में ओलावृष्टि से फसल बर्बाद, सर्वे शुरू नहीं होने से किसानों में नाराजगी

किसानों का आरोप है कि कहीं सर्वे शुरू नहीं हुआ है। मंदसौर में सर्वे शुरू करने की मांग को लेकर किसानों ने शनिवार को सड़क जाम भी किया था। किसान अब सीएम शिवराज का वीडियो साझा कर उन्हें खेतों में नुकसान का आंकलन करने के लिए बुला रहे हैं। वीडियो में वे कह रहे हैं कि, 'सिर्फ फसल खराब नहीं हुई, किसानों का भविष्य खराब हो गया। बच्चों की जिंदगी खराब हो गई। किसान बर्बाद हो गए। मंत्री खेतों में घुसें, जबतक नहीं जाएंगे महल में बैठकर ये अंदाजा नहीं लग सकता कि नुकसान कितना हुआ है।' यह वीडियो तब की है जब कमलनाथ सीएम थे। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी आज इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी है और कहा है कि सरकार किसानों के साथ है। सीएम ने कहा कि, 'प्रदेश के कई जिलों के गांवों में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है। मैंने निर्देश दिए हैं कि ओलावृष्टि से जहां-जहां किसान भाई-बहनों की फसलें बर्बाद हुई हैं, उनका तत्काल सर्वे व क्षति का आकलन करें, इसके बाद राहत राशि दी जाएगी। फसल बीमा योजना का लाभ भी मिले इसके निर्देश दिए हैं।' 

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, 'संकट की घड़ी में प्रदेश सरकार हमेशा किसान भाई-बहनों के साथ खड़ी रही है। अभी भी मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि संकट की इस घड़ी में हम आपके साथ हैं और आप सभी को इससे पार निकाल कर ले जाएंगे। किसी को किसी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।' सीएम भले ही किसानों को चिंता नहीं करने का आश्वासन दे रहे हों लेकिन पूर्व के अनुभवों के आधार ओर वे आशंकित हैं।