विजयपुर में वोटिंग से पहले कई आदिवासी गांवों में फायरिंग, BJP पर लगे वोटर्स को धमकाने के आरोप

बाइक से आए 9 बदमाशों ने आदिवासी लोगों को धमकाया। फायरिंग में दो लोग घायल हो गए। उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया है। गांव वालों ने एक आरोपी को बंदूक के साथ पकड़ लिया।

Updated: Nov 12, 2024, 12:40 PM IST

विजयपुर। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा में 13 नवंबर, 2024 को उपचुनाव है। लेकिन मतदान से ठीक पहले यहां गुंडागर्दी शुरू हो चुकी है। विजयपुर के कई आदिवासी गांवों में सोमवार रात फायरिंग की घटना हुई। बदमाशों ने गांव में पहुंचकर आदिवासी वोटर्स को धमकाने के लिए फायरिंग व मारपीट की।

पहली वारदात सोमवार रात 10 बजे ढोढर थाना क्षेत्र के धनाचया गांव की है। बाइक से आए 9 बदमाशों ने आदिवासी लोगों को धमकाया और गोलीबारी की। फायरिंग में दो लोग घायल हो गए। उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया है। गांव वालों ने एक आरोपी को बंदूक के साथ पकड़ लिया। उसे पीटा और पुलिस के हवाले कर दिया।

हमले में घायल प्रकाश और हरविलास आदिवासी ने बताया कि रात में कुछ लोग बाइक से आए थे। सभी के हाथ में बंदूक थी। आते ही उन्होंने गाली–गलौज शुरू कर दी। मना किया तो ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे। ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी बोल रहे थे कि भाजपा को वोट नहीं दोगे तो जान से मार देंगे।

उपचुनाव से पहले प्रशासन और पुलिस ने जिलेभर के सभी शस्त्र लाइसेंस थानों में जमा कर लिए हैं। इसके बावजूद आरोपी बंदूक लेकर गांव में पहुंचे। अब सवाल है कि जब लाइसेंस जमा हो गए थे तो फिर हथियार कहां से आए?

धनाचया गांव के बाद दंगपुरा, पातालगढ़ और झरेर गांव में भी फायरिंग के मामले सामने आए हैं। इस फायरिंग में कई लोग घायल हुए हैं। अगरा थाना इलाके की एक आदिवासी बस्ती में भी अज्ञात हथियारधारी 7 से 8 बदमाशों ने सहरिया आदिवासी समाज के लोगों पर गोलियां बरसाई गई हैं। इस फायरिंग में रामस्वरूप आदिवासी नाम के व्यक्ति के हाथ में गोली के छर्रे लगे हैं, जिन्हें ग्वालियर रेफर किया गया है।

अज्ञात हथियारधारी बदमाशों ने कराहल थाना इलाके के पातालगढ़ और झरेर गांव के आदिवासियों पर हमला किया। बदमाशों ने लाठी डंडों से पीटपीटकर इन्हें घायल कर दिया। वोट डालने के लिए नहीं जाने के लिए कहकर धमकाया। 8 महिला समेत पुरुष घायल हुए हैं। जिन्हें जिला अस्पताल कराया भर्ती गया है। इस मामले में अब तक पुलिस ने कई घंटे बाद भी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज नहीं की है।

मामले पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष अतुल सिंह चौहान का कहना है कि आदिवासियों को वोट डालने से रोकने के लिए रात भर में 4 से 5 जगहों पर हथियारधारी बदमाशों ने मारपीट की गई है। उन्हें डराने धमकाने के लिए उन पर गोलियां बरसाई गई हैं। यह चुनाव से एक दिन पहले पूरी रणनीति बनाकर कराई गई घटनाएं हैं। पुलिस आरोपियों को पकड़ना तो दूर उन पर सख्त कार्रवाई तक नहीं कर रही है।